प्रतिस्पर्धा का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार

प्रतिस्पर्धा का अर्थ

प्रतिस्पर्धा में यद्यपि समान उद्देश्य होता है परन्तु सम्मिलित प्रयत्न नहीं होते हैं यदि होते भी है तो उसमें स्वार्थ की भावना अधिक होती है। जो व्यवहार उस समय होता है वह अर्थपूर्ण तथा नियोजित होता है। आन्तरिक घृणा तथा संघर्ष की स्थिति होती है। ‘हम भावना’ के स्थान पर ‘परभावना’ महत्वपूर्ण कार्य करती है। कभी-कभी प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले सभी के विषय में न तो जानकारी होती है और न ही प्राप्त की जा सकती है।

प्रतिस्पर्धा का अर्थ

प्रतिस्पर्धा शब्द का अर्थ प्रतिस्पर्धा शब्द अंग्रेजी भाषा के “competition” का हिन्दी रूपान्तर है। यदि हम इसका विश्लेषण करें तो इनकी विशेषताएं तथा इसका प्रत्यय परिभाषाओं दिखता है।

प्रतिस्पर्धा की परिभाषा

बोगार्डस, 0 एस0 : प्रतिस्पर्धा किसी वस्तु को प्राप्त करने की प्रतियोगिता को कहते हैं जो कि इतनी मात्रा में कहीं नहीं पा जाती जिससे मांग की पूर्ति हो सके।

फिचर, जे0 एच0 : प्रतिस्पर्धा एक सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें दो या दो अधिक व्यक्ति अथवा समूह समान उद्देश्य प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं।

ग्रीन, ए0 डब्ल्यू0: प्रतिस्पर्धा में दो या अधिक पार्टियाँ समान उद्देश्य के लिए प्रयत्य करती है जिसमें को भी एक दूसरे के साथ सम्मिलन के लिए तैयार नहीं होता है अथवा सम्मिलन की को आशा नहीं रखता है।

प्रतिस्पर्धा तथा संघर्ष में अंतर 

प्रतिस्पर्धा अर्थात् दूसरों से किसी क्षेत्र में बराबरी करने की चेष्टा करना। समान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक दूसरे से आगे बढ़ने की दौड़ को प्रतिस्पर्धा कहते हैं। उस दौड़ में जो कठिनाई आती है उस कठनाई को दूर करने के लिए जो प्रयत्न किया जाता हैं वह संघर्ष कहलाता है।

प्रतिस्पर्धा के प्रकार

प्रतिस्पर्धा कितने प्रकार की होती है -
  1. वैयक्तिक प्रतिस्पर्धा
  2. अवैयक्तिक प्रतिस्पर्धा 
  3. आर्थिक प्रतिस्पर्धा
  4. प्रस्थिति एवं भूमिका से संबधित प्रतिस्पर्धा
  5. सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा
  6. राजनीतिक प्रतिस्पर्धा
  7. प्रजातीय प्रतिस्पर्धा
Tags: pratispardha meaning in hindi, pratispardha ka arth, pratispardha kya hai, pratispardha kya hota hai, pratispardha ka matlab, competition meaning in hindi.

Bandey

I am full time blogger and social worker from Chitrakoot India.

1 Comments

Previous Post Next Post