इस सिद्धान्त के अनुसार, किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों के भरने का क्रम जाना जा
सकता है। इलेक्ट्रॉन हमेंशा कम ऊर्जा वाले ऑर्बिटलों में पहले भरते हैं। किसी कोश के
s-ऑर्बिटल में सबसे कम ऊर्जा होती है। उसी प्रकार p-ऑर्बिटल की ऊर्जा d तथा
f-ऑर्बिटलों की ऊर्जा से कम होती है अर्थात् इलेक्ट्रान उस उपकोश में भरेगा, जिसके
लिए (n+l), का मान सबसे कम हो यदि कई उपकोशों के लिए (n+l) का मान समान हो
तो इलेक्ट्रॉन उस उपकोश में जायेगा जिसके लिए n का मान न्यूनतम हो।
उपकोश 6s 5s 4p 3d
(n + l) का मान 6+0 5+0 4+1 3+2
=6 =5 =5 =5
5s, 4p व 3d उपकोशों के लिए (n+l) का मान समान है, परन्तु 3d में n का मान न्यूनतम है। अत: इलेक्ट्रॉन 3d में प्रविष्ट होगा। विभिन्न कक्षकों की ऊर्जा का क्रम निम्नांकित है-
1s<2s<3s<3p<4s<3d<4p<5s<4d<5p<6s<4f<5d<6p<7s<5f<6d............
इलेक्ट्रॉनों के भरने का क्रम चित्र द्वारा भी जाना जा सकता है तीर का चिन्ह इलेक्ट्रॉनों के भरने का क्रम दर्शाता है जर्मन भाषा में ऑफबाऊ का अर्थ क्रमिक निर्माण होता है।
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ऑफबाउ
उपकोश का मतलब अलग अलग भ्रमण कक्षाएं होते हैँ ?
ReplyDeleteSpdf
Deleteईलेकट्रोन आपसी अपाकर्षण का ही ये असर होता है की कीसी कोश या प्रकोश मेँ कितने ईलेकट्रोन रह सकते हैँ ?
ReplyDeleteThanks for informing
ReplyDelete👌👌
DeleteEsme 2s 3s4s..... kyo nahi hota hai
ReplyDeleteKyo ki n ka man l se adhik ni ho sakta hai esliye
Delete2d
N=2
L=2
But n=l bhi nahi ho sakta
अच्छे से बतायो
ReplyDeleteits easy and fine lines no need to explain it
DeleteDipanshu
ReplyDeleteGood job Sir nice u le cha r
ReplyDeleteGood explain thanks for sharing this article
ReplyDeleteCheck this website._ http://www.telentgk.com
Nice
ReplyDeleteDilraj nice law
ReplyDeleteNice work
ReplyDeleteVery good answers
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteTq
ReplyDeleteMujhe kuch smjh me nhi aaya kya aap detail me btayenge please
ReplyDeleteNice
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