अनुक्रम
हमारे देश में तीन
प्रमुख ऋतुएं -शीत , ग्रीष्म और वर्षा है। हमारे भारत देश में परम्परागत रूप में
6 ऋतुएं मानी जाती हैं ऋतु के नाम और जानकारी इस प्रकार हैं-
- बसंत ऋतु (चैत्र-बैशाख या मार्च-अप्रैल)
- ग्रीष्म ऋतु (ज्येष्ठ-आषाढ़ या म-जून)
- वर्षा ऋतु (श्रावण-भाद्रपद या जुला-अगस्त)
- शरद ऋतु (आश्विन- कार्तिक या सितम्बर-अक्टूबर)
- हेंमत ऋतु (अगहन-पौष या नवम्बर-दिसम्बर)
- शिशिर ऋतु (माघ-फाल्गुन या जनवरी-फरवरी)
ऋतु के प्रकार
- बसंत ऋतु
- ग्रीष्म ऋतु
- वर्षा ऋतु
- शरद ऋतु
- हेंमत ऋतु
- शिशिर ऋतु
1. बसंत ऋतु -
इसका समय चैमास से लेकर बैसाख मास तक माना जाता है। बसंत ऋतु समस्त ऋतुओं में प्रधान है। इसके अन्तर्गत होली पर्व के समय बासंती शोभा, नव पल्लव एवं सुखद समीर आदि का वर्णन मिलता है। इस ऋतु के समय कृशि में अच्छी उपज एवं लहलहाती फसलों के आनन्द में नर-नारी प्रफुल्लित रहते हैं। बसंत ऋतु से ही भारतीय नव संवत्सर का प्रारम्भ भी माना जाता है। वसंतोत्सव इस ऋतु का विषेश पर्व है जो अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस ऋतु के अन्य पर्व भी हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं, जैसे- होलिका विभूति धारण, धुरड्डी, रंग पंचमी, शीतलाष्टमी आदि। इस ऋतु में पीले वस्त्र पहनने की प्रथा है।इस ऋतु में प्रकृति का सौन्दर्य चतुर्दिक अपनी आभा बिखेरे रहता है। पलाष, मकरंद, नील-कमल, कचनार, अषोक के फूल, आम्र एवं आम्र बौर की सुगंध आदि के द्वारा मादक वातावरण की उपस्थिति रहती है। बसंत ऋतु में पक्षियों की जो विशेषताएँ हैं, वे हैं- कोकिल की काकली और भ्रंमर की गुंजार। पुष्पों, पल्लवों एवं पक्षियों के संयोग से प्रकृति का वातावरण और अधिक सुन्दर हो जाता है।
Kya aap hindi ke संकेत m बता saket h .
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