अनुक्रम
अभिक्षमता मानव क्षमता का एक प्रमुख अंग है। इसका तात्पर्य विभिन्न
क्षेत्रो मे कौशल या ज्ञान प्राप्त करने की अर्जित तथा जन्मजात योग्यता से है।
इसके आधार पर व्यक्तिगत विभिन्नताओ को बताया जा सकता है। फ्रीमैन के
अनुसार अभिक्षता का तात्पर्य गुणो तथा विशेषताओ के एक ऐसे संयोग से होता
है जिससे विशिष्ट ज्ञान तथा संगठित अनुक्रियाओ के कोशल जैसे किसी भाषा
बोलने की क्षमता, यांत्रिक कार्य करने की क्षमता का पता लगाया जा सकता है।
अभिक्षमता का मापन
अभिक्षमता परीक्षण वह है जिसकी रचना किसी विशेष प्रकार की तथा किसी सीमित क्षेत्र की क्रिया करने की बीजभूत योग्यता को मापने के लिए दी जाती है। अभिक्षमता परीक्षणो को उनकी प्रकृति के अनुसार प्रमुख रूप से दो वर्गो मे विभाजित किया जा सकता है।बहुअभिक्षमता परीक्षण माला -
इस परीक्षण माला का तात्पर्य उन परीक्षण मालाओं से होता है जसके द्वारा एक साथ कई क्षेत्रों में अन्तर्निहित क्षमताओं का मापन होता है। इसके अन्तर्गत मुख्य रूप से तीन परीक्षण आते हैं।1. विभेदी अभिक्षमता परीक्षण- इस परीक्षण का प्रयागे मुख्य रूप से नियाजेन
परीक्षण में किया जाता है। ये परीक्षण व्यक्ति की विभिन्न अभिक्षमताओं में
विभेद को व्यक्त करने के कारण भेदक अभिक्षमता परीक्षण कहलाते हैं। इनमें
शाब्दिक बोध, आंकिक बोध, स्थानगत बोध, यांत्रिक बोध, लिपिकीय क्षमता,
स्वभावगत झुकाव से सम्बन्धित उपपरीक्षण है।
2. सामान्य अभिक्षमता परीक्षण माला- सवर्पथ््म 1962 में इसका पय्रोग सैन्य
सेवाओं में किया गया। इसमें 12 उपपरीक्षण है जिससे 9 विभिन्न कारकों का
मापन होता है। सामान्य मानसिक क्षमता (G), संख्यात्मक अभिक्षमता (N),
शाब्दिक अभिक्षमता (V), स्थानिक अभिक्षमता (S), आकार प्रत्यक्षण (P),
लिपिकीय प्रत्यक्षण (Q), पेशी समन्वय (K), अंगुली दक्षता (F) तथा हस्तचालित
दक्षता (M) है। इन सभी परीक्षणों पर आये प्राप्तांक का मानक प्राप्तांक ज्ञात
करके सामान्य अभिक्षमता का पता लगाया जाता है।
3. फ्लैनगन अभिक्षमता परीक्षण- इस परीक्षण का प्रयोग व्यवसायिक परामर्श
तथा कर्मचारी चयन में किया जाता है। इसका निर्माण फ्लैनेगन द्वारा 21
व्यवसायिक अभिक्षमताओं का मापन करने के लिए बनाया गया था। इनमें से
19 व्यवसायिक अभिक्षमता मापने के लिए शाब्दिक परीक्षण तथा 2 अभिक्षमता
मापने के लिए क्रियात्मक परीक्षण विकसित किये गए है।
2. यात्रिक अभिक्षमता परीक्षण-इस परीक्षण में यांित्रक अभिक्षमता के
प्रत्येक पहेलू को मापने के लिए अलग-अलग परीक्षण का निर्माण किया
गया है।
4. कलात्मक अभिक्षमता - परीक्षण में कलात्मक अभिक्षमता के दो पहलुओं का
मापन होता है - सौन्दर्य संवेदी निर्णय तथा सौंदर्य संवेदी उत्पादन।
सौन्दर्य संवेदी निर्णय के लिए मायर आर्ट निर्णय परीक्षण का प्रयोग होता
है। सौन्दर्य संवेदी उत्पादन में हार्न आर्ट अभिक्षमता आविष्कारिका का
प्रयोग होता है।
विशिष्ट अभिक्षमता परीक्षण -
ये परीक्षण किसी विशिष्ट अभिक्षमता का मापन करते है। विशिष्ट अभिक्षमता से तात्पर्य व्यक्ति में अन्तनिर्हित किसी विशेष तरह की अन्तशक्ति जैसे यांत्रिकी, संगीत, कला तथा लिपिकीय अभिक्षमता से है।1. लिपकीय अभिक्षमता परीक्षण- इसके द्वारा व्यक्ति की लिपकीय
अभिक्षमता अर्थात किसी कार्य को तेजी से शुद्ध-शुद्ध करने की क्षमता
का मापन से होता है। माइनेसोरा लिपिकीय परीक्षण में मुख्य रूप से दो
भाग है - संख्या तुलना तथा नाम तुलना।
- यांत्रिक सज्जीकरण परीक्षण- इस परीक्षण द्वारा मशीन के विभिन्न पार्ट-पुर्जो को एकत्रित करके उसे ठीक ढंग से सजाने की क्षमता का मापन होता है। दिये गए समय में वह जितने पार्ट पुर्जो को सही ढंग से सजाता है उसके प्राप्तांक के आधार पर यांत्रिक अभिक्षमता की पता चलता है। माइनेसोटा सज्जीकरण परीक्षण प्रमुख है।
- सूचना परीक्षण- इसमे मशीन के सचं ालन के बारे में व्यक्ति के मन में संचित सामान्य सूचनाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है। यह प्रशिक्षु यान्त्रिकों के चयन में अत्यन्त उपयोगी होता है। ओरोके यांत्रिक अभिक्षमता परीक्षण प्रमुख परीक्षण है। जिसके दो भाग है - स्क्रूड्राइवर एवं बहु-विकल्प एकांश
- यांत्रिक तर्कणा परीक्षण- इसमें यात्रिक परिस्थितियों में चिन्तन करके किसी विशेष निष्कर्ष पर पहुंचने की क्षमता का मापन होता है। विनेट यांत्रिक बोध परीक्षण प्रमुख यांत्रिकी परीक्षण है।
- दक्षता परीक्षण- इस परीक्षण में हाथ अगंलूी आदि का प्रयागे करने की दक्षता का माप होता है। यांत्रिक पेशों में इसकी आवश्यकता होती है। इस परीक्षण का क्रियान्वयन वैयक्तिक रूप से किया जाता है। इसमें बिनेट हैण्डटूल दक्षता परीक्षण प्रमुख है।
- स्थानिक सम्बन्ध परीक्षण- इसमें वस्तुओं का सही स्थिति में होने के प्रत्यक्षण की क्षमता में इसकी जरूरत होती है। माइनेसोटा पेपर फार्म बोर्ड परीक्षण प्रमुख स्थानिक सम्बन्ध परीक्षण है।
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