Showing posts from January, 2018
जनसंख्या वृद्धि से होने वाली समस्याएं विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा भारत में जनसंख्या वृद्धि तेजी से हो रही है। जिससे अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो रही है। इन समस्याओं के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण भी है। जनसंख्या वृद्धि का सबसे बुरा प्रभाव पर्यावरण …
सर्वप्रथम उत्पादकता का विचार 1766 में प्रकृतिवाद के संस्थापक क्वेसने के लेख में सामने आया। बहुत समय तक इसका अर्थ अस्पष्ट रहा। एम0एम0 मेहता ने इस संबंध में ठीक ही लिखा है, ‘‘दुर्भाग्य से, उत्पादकता शब्द औद्योगिक अर्थशास्त्र के उन कुछ शब्दों में से है…
प्रदूषण शब्द लैटिन भाषा के शब्द ‘‘Pollution‘‘ से लिया गया है जिसका अर्थ है दूषित करना या गन्दा बनाना। पर्यावरण में अवांछित तत्वों का प्रवेश प्रदूषण है। प्रदूषण ठोस, तरल और गैसीय तत्वों के रूप में होता है जो मानव और उनके पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल…
औद्योगिक कर्मचारियों की चिकित्सकीय देखरेख व स्वास्थ्य सुविधायें, प्रत्येक देश में श्रम कल्याण का एक समग्र भाग है। यह केवल बीमारियों से सुरक्षा ही नही करता बल्कि कार्मिकों को शारीरिक रूप से दक्षता प्रदान कर आर्थिक विकास के लिए उत्तरदायी होता है। ‘स…
बोलचाल की भाषा का सामान्य परिचय आमतौर से सामान्य भाषा के अन्तर्गत भाषा के कई रूप उभर कर आते हैं। डॉ. भोलानाथ के अनुसार, ये रूप प्रमुखत: चार आधारों पर आधारित हैं- इतिहास, भूगोल, प्रयोग और निर्माता। इनमें प्रयोग क्षेत्र सबसे विस्तृत है। जब कई व्यक्त…
किसी मापन उपकरण द्वारा मापने की प्रविधि को मापनी विधियां कहते हैं। मापनी विधियों में निर्धारण मापनी, सामाजिक दूरी मापनी, अभिवृति मापनी, मूल्य-मापनी आदि मुख्य रूप से आती है। निर्धारण मापनी का प्रयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि केाई व्यक्ति अपने…
व्यक्ति अध्ययन विधि एक ऐसी विधि है जिसमें किसी सामाजिक इकाई के जीवन की घटनाओं का अन्वेषण तथा विश्लेषण किया जाता है। सामाजिक इकाई के रूप में किसी एक व्यक्ति, एक परिवार, एक संस्था, एक समुदाय आदि के बारे में अध्ययन किया जा सकता है। व्यक्ति-अध्ययन का उद…
दुनिया के एक कोने की खबर दूसरे कोने तक पहुंचाने का काम आसान नहीं । हर पत्र-पत्रिका के लिए भी यह सम्भव नहीं कि वो हर छोटी-बड़ी जगह पर अपने संवाददाता तैनात कर सकें । इस मुश्किल को आसान बनाती हैं, समाचार समितियाँ यानी न्यूज एजेंसी। युनेस्को ने न्यूज एज…
सतावर के औषधीय उपयोगों से काफी परिचित हैं सदियों से उपयोग किया जाता रहा है। वैज्ञानिक परीक्षणों में भी विभिन्न विकारों के निवारण में इसकी औषधीय उपयोगिता सिद्ध हो चुकी है तथा वर्तमान में इसे एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। सतावर की पूर्ण विकसित लता 30 स…
सर्पगंधा में सर्पेन्टाइन समूह के एल्केलाइड अधिक पाए जाते हैं। सर्पगंधा का नाम ‘‘सर्पगंधा’’ क्यों पड़ा होगा, इसके पीछे कई मत हैं। ऐसा माना जाता है कि क्योंकि प्राचीन समय से ही सर्पगंधा का उपयोग सांप काटे के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसलिए इसका नाम …
अश्वगंधा (असगंध) जिसे अंग्रेजी में विन्टर चैरी कहा जाता है तथा जिसका वैज्ञानिक नाम विदानिया सोम्नीफेरा (Withania somnifera) है, अश्वगंधा को शक्तिवर्धक माना जाता है। अश्वगंधा की पहचान कैसे करे? अश्वगंधा के पौधे 1 से 4 फीट तक ऊँचे होते है। इसके ताजे …
सफेद मूसली एक कंदयुक्त पौधा होता है, यह पौधा क्लोरोफाइटम बोरिविलिएनम के नाम से जाना जाता है परंतु ‘‘इंडियन मेटीरिया मेडिका’’ में इसका नाम क्लोरोफाइटम अरुंडीनेशियम दर्शाया गया है। सफेद मूसली की प्रजातियाँ / किस्में सफेद मूसली की विभिन्न प्रजातियाँ…
गाय के सींग के खोल गोबर का असर बढ़ाने के लिए उत्तम पात्र होते हैं। जीवाणुओं की जांच के अनुसार सींग में उपस्थित गोबर बनाने वाले जीवाणु कम होकर ह्यमस बनाने वाले जीवाणुओं की संख्या अधिक हो जाती है जबकि गोबर को किसी अन्य पात्र में रखकर गाड़ा जाए तो उसका व…
पौधों के अवशेष पदार्थों, पशुओं का बचा हुआ चारा, कू़ड़ा करकट आदि पदार्थों के बैक्टीरिया तथा फफूंद द्वारा विशेष विच्छेदन से बना हुआ पदार्थ कम्पोस्ट कहलाता है। सड़ी हुई यह खाद प्रायः गहरे भूरे रंग की होती है कम्पोस्ट को प्रयोग करने से भूमि की भौतिक, रासा…
गोबर की खाद गोबर की खाद फार्म पशुओं, गाय, घोड़ा कभी-कभी सुअरों के ठोस एवं द्रव मल-मूत्र का एक सड़ा हुआ मिश्रण है। जिसमें साधारणतया भूसा, बुरादा, छीलन अथवा अन्य कोई शोषक पदार्थ जो पशुओं के बाॅधने के स्थान पर प्रयोग किया गया हो गोबर की खाद कहते हैं। गोब…