Showing posts from July, 2018
हृदय गुलाबी रंग का शंक्वाकार अन्दर से खोखला मांसल अंग होता है। यह शरीर के वक्ष भाग के वक्ष भाग में फेफडो के बीच स्थित होता है। हृदय ये ही रूधिर वाहिनियॉ रक्त को पूरे शरीर में ले जाती है। तथा फिर इसी से वापस लेकर आती है। सामान्यत: मनुष्य शरीर में रक्त …
शरीर के भीतर जो एक लाल रंग का द्रव-पदार्थ भरा हुआ है, उसी को रक्त (Blood) कहते हैं। रक्त का एक नाम रुधिर भी है रुधिर को जीवन का रस भी कहा जा सकता है। यह संपूर्ण शरीर में निरन्तर भ्रमण करता तथा अंग-प्रत्यंग को पुष्टि प्रदान करता रहता है। जब तक शरीर में…
अनेकों कोशिकाओं एवं उनके समूह ऊतकों द्वारा ही शरीर के विभिन्न अंगों का निर्माण होता है। इन्हीं कोशिकाओं से ही मांसपेशी की उत्पत्ति होती है। मांसपेशी के प्रत्येक तन्तु में अनेक कोशिकाएं होती है। मनुष्य शरीर का अधिकांश वाह्य व आन्तरिक भाग मांसपेशियेा…
मानव शरीर का आधारभूत ढाँचा अस्थियों से बना है। शरीर की स्थिरता, आकार, आदि का मूल कारण अस्थियाँ ही है। मूल रूप से अस्थियाँ नियमित रूप से बढ़ने वाली, अपने आकार को नियमिति करने वाली अपने अन्दर होने वाली किसी भी प्रकार की टूट - फूट को ठीक करने में सक्षम…
समान स्वरूप एवं समान कार्य वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते है। कुछ ऊतक विशेष स्थानों पर पाए जाते हैं और कुछ सम्पूर्ण शरीर में व्याप्त रहते है। ऊतकों के समूह मिलकर शरीर के अंगों का निर्माण करते है। उतकों के प्रमुख प्रकार है - उपकलीय तन्त्र ऊतक - …
किशोरावस्था बालक या बालिकाओं की अवस्था 12 से 18 वर्ष के बीच होती है, विकास एवं वृद्धि की विभिन्न अवस्थाओं में किशोरावस्था अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। किशोरावस्था मनुष्य के विकास की तीसरी अवस्था है यह बाल्यावस्था के बाद शुरू होकर प्रौढ़ावस्था शुरू…
मानसिक विकास को संज्ञानात्मक विकास के अध्ययन द्वारा भली प्रकार समझा जा सकता है। तकनीकी रूप में संज्ञानात्मक विकास ही मानसिक विकास है। संप्रत्यय निर्माण, सोचना, तर्क करना, याद रखना, विश्लेषण करना, निर्णय करना यह सब संज्ञानात्मक विकास की ही प्रक्रियाये…
मानव जीवन के विकास का अध्ययन के अन्तर्गत किया जाता है। विकासात्मक मनोविज्ञान मानव के पूरे जीवन भर होने वाले वर्धन, विकास एवं बदलावों का अध्ययन करता है। मानव विकास की विभिन्न अवस्थाएं मानव विकास की अवस्थाओं को गर्भधारण से लेकर पूरे जीवनकाल को इन भाग…
मनोविज्ञान बहुत विस्तृत विषय है। इस विषय का गहराई पूर्ण अध्ययन करने के लिए कोई भी एक विधि पर्याप्त नहीं हो सकती है। मनोविज्ञान विषय की विशालता एवं इसकी गंभीरता के कारण यह बहुआयामी विज्ञान है जिसे समझने के लिए विभिन्न प्रकार की अध्ययन विधियों की आवश्य…