छोटे कृषकों की उत्पादकता में सुधार लाने के उद्देश्य से हरित क्रांति आरंभ की गई थी। जल, संवर्धित
किस्मों तथा अन्य इनपुटों तक पहुंच में सुधार करके हरित क्रांति ने 1960 और 1990 के दशकों की अवधि के
बीच औसत चावल पैदावार को दोगुना करने में सहायता की। 1970 के दशक के दौरान यह निरंतर स्पष्ट प्रतीत होने लगा कि कीटनाशकों के अविवेकी प्रयोग द्वारा
कारित कीट प्रतिरोध और कीट पुनरुत्थान ने हरित क्रांति के लाभों पर एक आसन्न संकट पैदा कर दिया है।
इसी दौरान, अनेक अनुसंधान भी किए जा रहे थे, जिन्होंने प्रमुख चावल कीटों के जैविक नियंत्रण की व्यवहार्यता
प्रदर्शित की। तथापि, कीटनाशकों के वर्षों तक किए गए गहन संवर्धन के परिणामस्वरूप अनुसंधान संस्थाओं में
सृजित विज्ञान तथा आम किसान की पद्धति के बीच अंतर अभी भी विद्यमान हैं। आने वाले वर्षों में, एशिया में
छोटे कृषकों, विशेष रूप से चावल कृषकों के मध्य एकीकृत कीट नियंत्रण (आईपीएम) लाने के लिए अनेक
दृष्टिकोणों से प्रयास किए गए, जिनके मिश्रित परिणाम हुए।
कुछ विशेषज्ञों ने दावा किया कि आईपीएम के
सिद्धांत छोटे किसानों से लेकर बड़े स्वामियों तक के लिए अत्यधिक जटिल थे तथा केवल वही केन्द्र द्वारा बनाए
गए संदेश ही कृषकों को उनकी कृषि पद्धतियों में परिवर्तन लाने के लिए आश्वस्त करने का एकमात्र मार्ग थे। 1980 के दशक की समाप्ति तक, इंडोनेशिया में कृषकों के प्रशिक्षण का एक नया दृष्टिकोण उभर कर
सामने आया जिसे ‘‘फार्मर फील्ड विद्यालय (एफएफएस)’’ कहा गया। ‘‘फार्म फील्ड विद्यालय’’ शब्द इंडोनेशियाई
अभिव्यक्ति ‘‘सेकोला लैपंजन’’ से उद्भूत हुआ जिसका अर्थ था फील्ड विद्यालय। पहला फील्ड विद्यालय 1989 में
मध्य जावा में 50 पादप संरक्षण अधिकारियों द्वारा एक प्रायोगिक मौसम के दौरान उनके प्रशिक्षक पाठ्यक्रम के
आईपीएम प्रशिक्षण के भाग के रूप में क्षेत्रीय प्रशिक्षण पद्धतियों का परीक्षण करने और उन्हें विकसित करने के
लिए स्थापित किया गया था। शैक्षणिक लक्ष्यों को प्रतिबिंबित करने के लिए उसे ‘‘सेकोला लैपंजन’’ नाम दिया
गया। यह पाठ्यक्रम खेत में संचालित किया गया और खेत की परिर्स्थितियों ने अधिकांश पाठ्यचर्चा को परिभाषित
किया, परंतु इसमें खेत की वास्तविक समस्याओं को देखा गया और फसल (चावल) को रोपने से लेकर उसकी
कटाई तक उन सभी समस्याओं का विश्लेषण किया गया। पैदावार का मापन करते हुए मौसम के अंत में फसल
प्रबंधन पर समूह चर्चा का मूल्यांकन किया गया।
आईपीएम पद्धतियों तथा कृषकों की पारंपरिक पद्धतियों की
तुलना करने के लिए अनुसंधान अध्ययन के साथ प्रतिभागियों द्वारा एक खेत तैयार किया गया। फसल-पूर्व और
फसलोत्तर परीक्षण किए गए और उन्हीं कृषकों एवं सहयोगकर्ताओं ने पूरे मौसम के दौरान इनमें भाग लिया तथा
इसमें स्नातक उपाधि उपस्थिति और शिक्षण संबंधी प्रदर्शन पर आधारित थी। कृषकों को स्नातक प्रमाण-पत्र
प्रदान किए गए। इस प्रकार फील्ड विद्यालय बिना दीवारों का एक ऐसा विद्यालय था जिसने बुनियादी
कृषि-पारिस्थितिकी और प्रबंधन कौशलों के बारे में शिक्षा दी। फार्मर फील्ड विद्यालयों के संचालन की सहभागिता
के माध्यम के अलावा और कोई सही पद्धति नहीं है।
एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) पर फार्मर फील्ड विद्यालय की स्थापना कृषकों को विविध और गतिशील पारिस्थितिकीय परिस्थितियों के अनुसार अपनी कृषि पद्धतियों में बदलाव लाने के लिए उन्हें सहायता देने के उद्देश्य से की गई थी। फार्मर फील्ड विद्यालयों के परिणामों से नीति-निर्माता और प्रदाता अत्यधिक प्रभावित हुए तथा यह कार्यक्रम तेजी से फैला। अंतत: चावल के लिए फार्मर फील्ड विद्यालय कार्यक्रम बारह एशियाई देशों में क्रियान्वित किया गया तथा धीरे-धीरे इसमें सब्जियां, कपास और मवेशी तथा अन्य फसलें भी शामिल हो गईं।
एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) पर फार्मर फील्ड विद्यालय की स्थापना कृषकों को विविध और गतिशील पारिस्थितिकीय परिस्थितियों के अनुसार अपनी कृषि पद्धतियों में बदलाव लाने के लिए उन्हें सहायता देने के उद्देश्य से की गई थी। फार्मर फील्ड विद्यालयों के परिणामों से नीति-निर्माता और प्रदाता अत्यधिक प्रभावित हुए तथा यह कार्यक्रम तेजी से फैला। अंतत: चावल के लिए फार्मर फील्ड विद्यालय कार्यक्रम बारह एशियाई देशों में क्रियान्वित किया गया तथा धीरे-धीरे इसमें सब्जियां, कपास और मवेशी तथा अन्य फसलें भी शामिल हो गईं।
नब्बे के दशक के मध्य से एशिया में हासिल किए गए अनुभव का प्रयोग विश्व के अन्य भागों में भी आईपीएम
फार्मर फील्ड विद्यालय कार्यक्रम आरंभ करने के लिए किया गया। इसमें नए राज्यों को शामिल किया गया तथा
इन कार्यक्रमों के स्थानीय अनुकूलन और संस्थानीकरण को प्रोत्साहित किया गया। वर्तमान में, विकास के विभिन्न
स्तरों पर आईपीएम फार्मर फील्ड विद्यालय कार्यक्रम पूरे विश्व में 30 से भी अधिक देशों में संचालित किए जा रहे
हैं।
फार्मर फील्ड विद्यालय का अर्थ
फार्मर फील्ड विद्यालय प्रौढ़ शिक्षा का एक रूप है जिसे हस अवधारणा से विकसित किया गया है कि कृषक खेतों का अवलोकन करने तथा वहां पर प्रयोग करने के माध्यम से सर्वाधिक सीखते हैं। फसल रोपण से लेकर उसकी कटाई तक संचालित किए गए नियमित सत्रों के माध्यम से कृषकों का समूह फसल की पारिस्थितिकी को देखता है तथा उसकी गतिशीलता के विषय में चर्चा करता है। साधारण प्रयोग कृषकों को उनके कार्यात्मक संबंधों की समझ में और अधिक सुधार लाने में उनकी सहायता करते हैं (उदाहरण के लिए कीट-प्राकृतिक शत्रु जनसंख्या गत्यात्मकता और फसल क्षति-पैदावार संबंध)। इस चक्रीय शिक्षण प्रक्रिया में कृषक ऐसी विशेषज्ञता अर्जित करते हैं, जो उन्हें अपने फसल प्रबंधन निर्णय लेने में समर्थ बनाती है, विशेष समूह क्रियाकलाप सहयोगियों से सीखने की भावना को प्रोत्साहित करते हैं तथा संप्रेषण कौशलों और समूह निर्माण को सुदृढ़ बनाते हैं।फार्मर फील्ड विद्यालय की बुनियादी अवधारणाएं
फार्मर फील्ड विद्यालय की बुनियादी अवधारणाएं हैं -- यदि मैंने इसे सुना, तो मैं इसे भूल गया।
- यदि मैंने इसे देखा, तो मैंने याद रखा।
- यदि मैंने इसे खोजा, तो यह मेरे जीवनकाल तक मेरे साथ रहा।