अनुक्रम
निपाह वायरस का नाम मलेशिया के एक गांव कम्पुंग सुंगई निपाह के नाम पर रखा गया, जहां इसकी पहली बार 1998-99 में खोज की गई थी। इस वायरस की वजह से मलेशिया में 105 लोगों की मौत हो गई थी। उन सभी लोगों में जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) होने का संदेह था, जो निपाह वायरस की तरह मस्तिष्क की सूजन पैदा करता है। इस वायरस के निशान सूअरों में भी प्राप्त किये गए थे।
माना जाता है कि निपाह उड़ने वाले फॉक्स, या मेगा चमगादड़ से फैलता है वे फल खाते हैं और पेड़ में रहते हैं। ये पुरानी फ्रूट बैट फैमिली का हिस्सा हैं, जिन्हें पटरोपिड चमगादड़ कहा जाता है । यह चमगादड़ अक्सर ईबोला, एसएआरएस कोरो वायरस, निपा और हेन्द्र सहित कई गंभीर संक्रामक बीमारियों को संग्रहित करते हैं।
निपाह एक आरएनए या रिबोन्यू क्लिक एसिड वायरस है। ‘‘मानव संसाधनों में उभरती बीमारियों का आरएनए वायरस सबसे आम कारण है, जो डीएनए वायरस की तुलना में आरएनए वायरस में उच्च उत्परिवर्तन दर के लिए जिम्मेदार है’’। निपाह हे निपवायरस नामक एक जीनस से संबंधित है। पेटरोपिड चमगादड़ पर भी स्थित हेन्थ वायरस, इस श्रेणी से भी संबंधित है।
इन्फेक्शन होने के बाद इसके लक्षण 3–14 दिन के बाद दिखाई पड़ने शुरु हो जाते है। शुरुआती लक्षण में बुखार, उल्टी होना शुरु हो जाते है बाद में आगे चल के मानसिक भ्रम, दिखाई पड़ने शुरु हो जाते है। ये लक्षण सभी कभी-कभी बस 24–48 घंटे में भी कोमा में बदल सकते है। इसके साथ-साथ दिमाग में सूजन, या दिमागी बुखार, उल्टी होना शुरु हो जाता है । बिमारी के शुरुआती अवस्था में साँस के परेशानी भी देखने को मिल सकती है।
यह सभी लक्षण 24-28 घंटे में नजर आने लगते है।
माना जाता है कि निपाह उड़ने वाले फॉक्स, या मेगा चमगादड़ से फैलता है वे फल खाते हैं और पेड़ में रहते हैं। ये पुरानी फ्रूट बैट फैमिली का हिस्सा हैं, जिन्हें पटरोपिड चमगादड़ कहा जाता है । यह चमगादड़ अक्सर ईबोला, एसएआरएस कोरो वायरस, निपा और हेन्द्र सहित कई गंभीर संक्रामक बीमारियों को संग्रहित करते हैं।
निपाह एक आरएनए या रिबोन्यू क्लिक एसिड वायरस है। ‘‘मानव संसाधनों में उभरती बीमारियों का आरएनए वायरस सबसे आम कारण है, जो डीएनए वायरस की तुलना में आरएनए वायरस में उच्च उत्परिवर्तन दर के लिए जिम्मेदार है’’। निपाह हे निपवायरस नामक एक जीनस से संबंधित है। पेटरोपिड चमगादड़ पर भी स्थित हेन्थ वायरस, इस श्रेणी से भी संबंधित है।
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निपाह वायरस |
निपाह वायरस के कारण
निपाह बीमारी का संक्रमण एक जीव से दुसरे जीव तब होता है जब जब कोई संक्रमित फल का सेवन कर लेता है जो चमगादड़ से दूषित होतें है। जिसका मतलब है, अपने फलों को चुनते समय सावधान रहना चाहिए।निपाह वायरस के लक्षण
- मस्तिष्क मे सूजन पैदा करता है।
- रोगियों को सांस लेने में समस्या होती है।
- बुखार
- कोमा
- सिरदर्द
- मानसिक भ्रम
- उल्टी होना।
यह सभी लक्षण 24-28 घंटे में नजर आने लगते है।
निपाह वायरस से बचने के उपाय
- इस बीमारी से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए।
- पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए।
- बीमार सुअर और दूसरे जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरा बनाएं रखें।
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