प्रभावी संचार क्या है? प्रभावी संचार के सिद्धांत

प्रभावी संचार वह प्रक्रिया है जिसमें व्यक्तियों, समूह तथा संगठन के मध्य सूचना को प्रेषित करना निवेदित करना, उत्साहित करना व क्ष्यातिप्राप्त करने के उद्देश्य से भेजी जाती है, यह समझने योग्य, स्पष्ट तथा सही होती है और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक होती है।

प्रभावी संचार का आधार

प्रभावी संचार के आधार को ज्ञात करने के लिए छ: महत्त्वपूर्ण तत्त्वों की जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है।
  1. संचार प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य जानना। 
  2. संदेश किसको प्रेषित किया जाना है। 
  3. श्रोता की प्रतिक्रिया किस प्रकार की होगी। 
  4. इस सन्देश से श्रोता को क्या लाभ हो सकता है।
  5. सन्देशवाहन में यदि कोई अवरोध है तो उसको दूर करना। 
  6. प्रेषित सन्देश की प्रतिक्रिया जानना।

प्रभावी संचार के सिद्धांत

  1. उपयुक्त व सही भाषा के प्रयोग का सिद्धांत। 
  2. संचार की सन्देशबद्धता का सिद्धांत।
  3. विचारों की स्पष्टता का सिद्धांत।
  4. ध्यान आकर्षण का सिद्धांत। 
  5. श्रोता विश्लेषण का सिद्धांत।
  6. समानता का सिद्धांत।
  7. उचित माध्यम का सिद्धांत। 
  8. लोचशीलता का सिद्धांत। 
  9. एकीकरण का सिद्धांत। 
  10. बचत का सिद्धांत। 
  11. परामर्श का सिद्धांत। 
  12. मानवीय सम्बन्धों के विकास का सिद्धांत। 
  13. तकनीकी विकास का सिद्धांत। 
  14. औधोगिक शान्ति का सिद्धांत।

प्रभावी संचार का महत्व

आज के युग में सूचना का इतना महत्व बढ़ गया है कि उद्योग भी इसको अपना आधार मान लेते हैं। वर्तमान संसार में एक प्रकार से सूचना युग में प्रवेश कर रहा है किसने सोचा था एक दिन पोस्टमैन के पास भी मोबाईल फोन होगा। यदि संचार प्रक्रिया को रोक दिया जाये तो अन्य सभी सेवाएं महत्वहीन हो जायेगी। उद्योगों में या व्यवसाय में संचार व्यवस्था का महत्व और भी अधिक हो जाता है। सभी आवश्यक सूचनाएं कार्य करने वाले कर्मचारियों को भी प्रेषित कर सके। यदि संचार प्रक्रिया रुक जाती है तो संगठन की भी सभी क्रियाएं रुक जाती है। 

संचार प्रक्रिया का ही यह एक रूप है कि आकाश में चलते हुए हवाई जहाज़ को जमीन पर बैठकर देख सकते हैं व संचार व्यवस्था भी नियंत्रित कर सकते हैं। इन विवरण से प्रभावित संचार के महत्व का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।

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