नगरीकरण क्या है नगरीकरण से उत्पन्न होने वाली समस्याएं

जनसंख्या का ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में जाना ’नगरीकरण’ कहलाता है। इसके परिणामस्वरूप जनसंख्या का बढ़ता हुआ भाग ग्रामीण स्थानों में रहने की बजाय शहरी स्थानों में रहता है। 

नगरीकरण की परिभाषा

थौमसन वारन (एनसाइक्लोपीडिया आफ सोशल साइन्सेज) ने इसकी परिभाषा इस प्रकार की हैः ’’यह ऐसे समुदायों के व्यक्तियों, जो प्रमुखरुप से या पूर्णरुप से कृषि से जुड़े हुये हैं, का उन समुदायों में जाना है जो साधारणतया (आकार में) उनसे बड़े हैं और जिनकी गतिविधियां मुख्य रुप से सरकार, व्यापार, उत्पादन या
इनसे सम्बद्ध कारबारों पर केन्द्रित हैं’’। 

एन्डर्सन (1953ः11) के अनुसार नगरीकरण एकतरफा प्रक्रिया न होकर दोतरफा प्रक्रिया है। इसमें केवल गांवो
से शहरों में जाना नहीं होता, परन्तु इसमें प्रवासी के रुखों, विश्वासों, मूल्यों और व्यवहार के संरुपों में भी परिवर्तन होता है। उसने नगरीकरण की पांच विशेषतायें बताई हैंः मुद्रा अर्थव्यवस्था, सरकारी प्रशासन, सांस्कृतिक परिवर्तन, लिखित अभिलेख, और अभिनव परिवर्तन।

नगरीकरण से उत्पन्न होने वाली समस्याएं

नगरीकरण के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली प्रमुख समस्याएँ हैं - 
  1. नगरीकरण से कृषि एवं घरेलू उद्योग.धन्धों का विकास नहीं हो पाता क्योंकि उपलब्ध पूंजी का अधिकांश भाग बड़े तथा भारी उद्योगों में लग जाता है जो नगरों में स्थित होते हैं। 
  2. गाँवों से नगरों की तरफ तेजी से होने वाले प्रवास ने नगरों में बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न कर दी है। यहाँ रोजगार खोजने वालों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है, परन्तु रोजगार के अवसरों में अपेक्षाकृत वृद्धि नहीं हो पा रही है। 
  3. नगरों में तेजी से बढ़ती भीड़ ने वहाँ आवास की समस्या उत्पन्न कर दी है। गाँवों से नगरों में आने वाले लोगों को जब रहने का स्थान नहीं मिलता तो लोग नगरों में जहाँ भी स्थान मिलता है, झोपड़ी बनाकर रहने लगते हैं। इससे नगरों में झुग्गी-झोपडि़यों तथा गन्दी बस्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है। 
  4. नगरीकरण से नगरों में जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है। मोटर वाहनों तथा यातायात के यन्त्रचालित दुपहिया, तिपहिया वाहनों की अधिकता से दुर्घटनाओं में वृद्धि होती जा रही है तथा पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। 
  5. गाँवों से जब नगरों की ओर देशान्तरण होता है तो देशान्तरित व्यक्ति अपना अलग समाज बना लेता है जिससे समाज के अन्दर समाज का निर्माण हो जाता है। इससे लोगों में अलगाव की भावना पनपने लगती है।
  6. नगरीकरण ने आर्थिक विषमता को भी जन्म दिया है। धनी लोग अधिक धनी तथा निर्धन अधिक निर्धन होते जा रहे हैं। परिणामस्वरूप दोनों वर्गों में दूरी बढ़ती जा रही है जो वर्ग संघर्ष का कारण बन सकती है।

1 Comments

  1. Bhot acha explain krte ho aap, sab ache se smjh aa jata hai apka bhot dhanyawad

    ReplyDelete
Previous Post Next Post