अनुक्रम
1961 में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का प्रथम सम्मेलन युगोस्लाविया की राजधानी बेलग्रेड
में हुआ। इसमें मुख्य जोर इस बात पर ही था कि अब युद्ध कालातीत हो गया है और हमें शांति व
निशस्त्रीकरण का मार्ग अपनाना चाहिये, सम्मेलन में तत्कालीन विश्व राजनीति का जायजा लेते हुये
अनेक घोषणा की जिसमें निम्न प्रमुख है :-
- निशस्त्रीकरण व आणविक परीक्षणों पर रोक लगे।
- विश्व शांति व सहअिस्त्तव की धारणा का विकास हो।
- घरेलू मामलों में विदेशी हस्तक्षेप व रंगभेद की नीति की निंदा की गई।
- आर्थिक, सामाजिक व राजनैतिक पिछडे़पन को समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
हालांकि सम्मेलन के अंत में 27 सूत्रीय घोषणा अपनाई गई थी परन्तु मुख्य बाते शान्ति व
सुरक्षा, साम्राज्यवाद उपनिवेषवाद, नवउपनिवेषवाद का विरोध, रंगभेद की नीति का खण्डन, स्वतंत्रता
जहां विदेशी सेनाएं हस्तक्षेप कर रही थी उनकी वापस की मांग, बिना किसी दबाव के आर्थिक,
सामाजिक व सांस्कृतिक विकास तथा विकासशील देशों के साथ व्यापार की न्याय संगत शर्ते तय
करना, परमाणु परीक्षण पर प्रतिबन्ध तथा सैनिक अड्डों के अंत की कामना की गई।
बेलग्रेड सम्मेलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि इसने पहली बार गुट निरपेक्ष आंदोलन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये संस्थागत आंदोलन प्रस्तुत किया। साथ ही इस बात की घोषणा की कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में इस तीसरी शक्ति को अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह बात भी अच्छी तरह से स्पष्ट की कि गुट निरपेक्षता का अर्थ किसी भी रूप में निरपेक्षता नहीं है। नव स्वतंत्र राष्ट्रों के लिये जो बाधाऐ है उनका विरोध इसका प्रमुख उद्देश्य है। और उस संदर्भ में गुट निरपेक्ष देष अपना प्र्रगतिषील जुझारूपन बनाए रखेंगे।
बेलग्रेड सम्मेलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि इसने पहली बार गुट निरपेक्ष आंदोलन के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये संस्थागत आंदोलन प्रस्तुत किया। साथ ही इस बात की घोषणा की कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में इस तीसरी शक्ति को अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह बात भी अच्छी तरह से स्पष्ट की कि गुट निरपेक्षता का अर्थ किसी भी रूप में निरपेक्षता नहीं है। नव स्वतंत्र राष्ट्रों के लिये जो बाधाऐ है उनका विरोध इसका प्रमुख उद्देश्य है। और उस संदर्भ में गुट निरपेक्ष देष अपना प्र्रगतिषील जुझारूपन बनाए रखेंगे।
गुट निरपेक्ष आंदोलन का दूसरा शिखर सम्मेलन
1964 में गुट निरपेक्ष आंदोलन का दूसरा शिखर सम्मेलन मिश्र की राजधानी काहिरा में हुआ। इसमें 47 पूर्ण सदस्य एवं 11 पर्यवेक्षक राष्ट्रों ने भाग लिया। सम्मेलन में आमंत्रित देशों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जा सकता है :-- 25 देष जिन्होने बेलग्रेउ में भाग लिया था।
- वे सभी देष जो अफ्रीकी एकता संघ के घोषणा पत्र में आस्था रखते थे।
- वे सभी अरब राज्य जिन्होने 1964 के अरब शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। जैसे मलावी, लाओस, मेंक्सिको, उरूग्वे, त्रिडिनाड, टोबेगो, ब्राजील, चिली, बेनजुअला, फिनलेण्ड आदि।
- अंगोला की अस्थायी सरकार।
- उपनिवेषवाद को समाप्त कर पीड़ित देशों को इसके चंगुल से निकाला जाये
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर आर्थिक विकास करना।
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