Showing posts from April, 2021
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आज विश्व को संचालित करने वाला जनसंचार माध्यम बन गया है। हालांकि प्रिंट मीडिया की आज भी जनसंचार माध्यमों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका है। आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जादू सचमुच सर चढ़ कर बोल रहा है। मोटे तौर जब हम इलेक्ट्रानिक मीडिया…
मुद्रण को भी आजकल कला में शामिल किया गया है। मुद्रण क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति भी हुई है। साधारण भाषा में कागज, कपड़ा या पत्रों पर प्रकाशित शब्दों या डिजाइन को मुद्रण कहा जाता है। मुद्रण से पहले पुस्तकें के छापने की व्यवस्था नहीं थी। एक पुस्तक की …
भारत में कठपुतलियों के कई रूप प्रचलित हैं। राजस्थान में धागों वाली कठपुतली, उड़ीसा तथा बंगाल में दस्ताने वाली कठपुतली तथा आंध्र प्रदेश की छाया कठपुतलियां इनमें से प्रमुख हैं। अवास्तविक, अनुपात विहीन और निर्जीव होते हुए भी कठपुतलियों के पात्र सैकड़ों व…
अखबार पत्रकारों को नौकरी पर रखते हैं। इसके बाद आप कॉपी संपादक, डिजाईनर, फोटो पत्रकार या संवाददाता चाहे जो भी बनना चाहें, आपकी मर्जी। लेकिन अगर आप अच्छे पत्रकार हैं तो आपकी सफलता पक्की समझिए। इस क्षेत्र में कूदने से पहले व्यक्ति को समझ लेना चाहिए कि…
व्यक्तियों के उस समूह से है जो कायदे-कानूनों को संगठन में रोजाना लागू करते हैं। सरकार के मामले में भी, एक संस्था नीतिगत निर्णय लेती है और नियमों और कायदों के बारे में तय करती है दूसरी उसे लागू करने की जिम्मेदारी निभाती है। सरकार का वह अंग जो इन नियमों…
जल चक्र कभी समाप्त न होने वाली आदान प्रदान की वह क्रिया जिसमें जल का आदान-प्रदान वायु मंडल से समुद्र और फिर वापस उसी की और हो जाता है इसे हम जल चक्र कहते है। नदी, सरोवर, समुद्र व भूमि से जल का वाष्पीकरण होता है जबकि जल जो की पौधों में इकट्ठा है वाष्पो…
जल में कालीफार्म का होना और उनकी गणना के लिए अनेक जांच प्रणालियां काम में लायी जाती हैं। सौ मि0ली0 जल में एक से भी कम कीटाणु होने चाहिए। यह केवल उपचार द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है तथा बची हुई क्लोरीन के लिए जल को प्रतिदिन जॉंचा जाना चाहिए। पूरी व…
महायुद्ध में ब्रिटिश सरकार ने भारत के मुसलमानों को टर्की के सुलतान की स्थिति बनाये रखने के संबंध में कुछ आश्वासन दिये थे। लेकिन युद्ध के बाद ब्रिटेन ने टर्की के साथ जो सेवर्ष की संधि की। उसके द्वारा इन आश्वासनों को भंग कर दिया गया। इस संधि द्वारा टर्क…
JPEG ग्राफिक्स का पूरा नाम JPEG ग्राफिक्स का पूरा नाम Joint Photographic Experts Group है AGIF ग्राफिक्स के अतिरिक्त वेब पेज में JPEG इमेज का भी उपयोग किया जाता है । JPEG इमेज फाइल फार्मेट पहले तैयार की जाती है । बाद में उसका नाम रखा जाता है । JPEG इम…
Pixel पिक्सेल किसे कहते है ? पिक्सेल (Pixels) फोटो का एक सूक्ष्म भाग होता है। प्रत्येक फोटो छोटे-छोटे पिक्सेल (Pixels) से ही मिलकर बना होता है। जो हमें छोटे दशमलव के रूप में दिखायी देता है। पिक्सेल (Pixels) एक वर्ग है जो हजारों वर्गों के समूहों में वर…
वेबसाइट सामान्यतः इंटरनेट पर मौजूद सामग्री या डाटा का संग्रह है, जो विभिन्न वेब पेज के रूप में उपलब्ध रहती है। यह सारी सामग्री वेब सर्वर के माध्यम से सभी के लिए खुली (ओपन) रहती है। वेबसाइट्स का डाटा न केवल शब्द या लिखित सामग्री हो सकता है, बल्कि अंक, …
अपने डोमेन को किसी सर्वर में स्थापित करने के कार्य को वेब होस्टिंग (Web Hosting) कहते हैं। यह शुल्क मुक्त या शुल्क सहित हो सकती है। ऐसी अनेकों कंपनियां हैं जो उचित कीमत लेकर सर्वर में आपके वेबसाइट को स्थान तथा उसके प्रबंधन के लिए कन्ट्रोल पेनल या सी प…
ई-वे बिल क्या है ई-वे बिल E-Way Bill अप्रैल 2018 से लागू है GST एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है, जो कि वस्तुओं और सेवाओं की Supply पर लगाया जाता है। GST के अंतर्गत वस्तुओं के एक स्थान से मूव करने पर यानि कि माल को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने या प्राप्…
कम्प्यूटर के प्रयोग तथा इन्टरनेट माध्यम के कारण साइबर अपराध भी बढ़ गया हे। साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिसमें कम्प्यूटर और नेटवर्क शामिल है। कम्प्यूटर से अपराध करना साइबर अपराध कहलाता है। कम्प्यूटर अपराध में नेटवर्क शामिल नहीं माना जाता। जानकारी चोरी…
इस युद्ध की शुरूआत की एक दिलचस्प कहानी है। 25 नवंबर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति याहिया खां ने घोषणा की थी कि वह दस दिनों के भीतर भारत के साथ निपट लेंगे। तीन दिसंबर की शाम थी, यानी राष्ट्रपति याहिया खां की धमकी का नवां दिन था। संध्या समय भारत-सरकार ने स…
रवीन्द्रनाथ टैगोर रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 ई. को कलकत्ता (प.बंगाल) के जोड़ासांको भवन में हुआ था। ठाकुर वंष भट्ट नारायण जो संस्कृत के प्रसिद्ध नाटक ‘वेणी संहारम्' के रचनाकार हैं, की संतान है । ऐसा कहा जाता है कि ये बंगाल के निवासी नहीं …
पुराण का वास्तविक अर्थ 'प्राचीन' है। इसके सम्बन्ध में प्राचीन मनीषियों का यह शंखनाद है कि कोई द्विज चारों वेदों तथा वेदागों उपनिषदों का ज्ञाता भले ही हो, यदि वह पुराण से अनभिज्ञ है, तो उसे विचक्षण - चतुर एवं शास्त्र - कुशल नहीं माना जा सकता हे…