बजटरी नियंत्रण क्या है इसके लाभ

आय-व्यय से सम्बन्धित योजनाओं का निर्माण ‘बजट’ कहलाता है तथा उस पर नियन्त्रण बजटरी नियंत्रण कहा जाता है। बजटरी नियंत्रण लागत नियंत्रण की एक महत्वपूर्ण तकनीक है। इसके अन्तर्गत व्यावसायिक उपक्रमों की क्रिया विधियों, बिक्री तथा उत्पादन की मात्रा व मूल्य की एक निश्चित समय पूर्व ही भविष्यवाणी कर दी जाती है और वास्तविक परिणामों से तुलना की जाती है। इसके बाद आवश्यकता के अनुसार सुधारात्मक कार्य किये जाते हैं।

बजटिंग क्या है

बजटिंग बजट बनाने की क्रिया को कहा जाता है। इसके अन्तर्गत बजट का निर्माण, उसे लागू करने की प्रक्रिया व उसका संचालन सभी को सम्मिलित किया जाता है।

बजटरी नियंत्रण क्या है

बजटरी नियंत्रण वह विधि है, जिसमें उत्पादन के कई अंग, जैसे - उत्पादन मात्रा, किस्म, मूल्य एवं प्रबन्ध की योजनाओं का पूर्व-निर्धारण कर लिया जाता है और इन योजनाओं पर इस प्रकार नियंत्रण किया जाता है कि वास्तविक परिणाम तथा पूर्व-नियोजन में अधिक अंतर न हो। 

The Institute of Cost and Works Accountants, London के अनुसार, ‘‘किसी नीति के सन्दर्भ में कर्मचारियों की जिम्मेदारियों और बजट लक्ष्यों के साथ वास्तविक परिणामों की निरन्तर तुलना के सम्बन्ध में नीति के उद्देश्य प्राप्त करने या उसमें संशोधन करने के लिए विभागीय बजट तैयार करना ही बजट नियंत्रण है।’’

बजटरी नियंत्रण के उद्देश्य

बजटरी नियंत्रण के उद्देश्य हैंः

1. नियोजन - योजनाओं का निर्माण बजटरी नियंत्रण का प्रमुख उद्देश्य है। इसके द्वारा लाभ की योजना, उत्पादन के विभिन्न संसाधनों की योजना, पूँजी आदि से सम्बन्धित योजनाओं का निर्माण किया जाता है।

2. कार्यकुशलता - केवल योजनाओं का निर्माण करने से ही उद्देश्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता, बल्कि योजना के अनुसार कार्यों का सम्पादन कर के पूर्व निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है, जिसके लिए बजटरी नियंत्रण अति आवश्यक है।

3. नीति-निर्धारण - इसके द्वारा प्राप्त परिणामों की तुलना पूर्व-निर्धारित लक्ष्यों से की जाती है, जिससे नीति निर्धारण में सहायता मिलती है।

4. लागत नियंत्रण - इसके अन्तर्गत लागत से जुड़े सभी काम योजना अनुसार होते हैं तथा प्रबन्धक जैसे ही देखता है कि कार्य पूर्व योजना के अनुसार नहीं हो रहा है, तो आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कदम उठाये जाते हैं। इस प्रकार उत्पादन की लागत पर नियंत्रण रहता है।

5. आय-व्यय पर नियंत्रण - इस तकनीकी से आय-व्यय पर नियंत्रण रखा जा सकता है।

6. श्रम पर नियंत्रण - बजटरी नियंत्रण के द्वारा श्रम पर नियंत्रण रखा जाता है अर्थात इसके अपव्यय को रोका जाता है। साथ ही इसके सर्वोत्तम प्रयोग की व्यवस्था की जाती है।

बजटरी नियंत्रण के लाभ

बजटरी नियंत्रण के लाभ हैंः
  1. कर्मचारियों के कार्यों का मूल्यांकन भी बजट नियंत्रण द्वारा किया जा सकता है। इससे इस बात की जानकारी मिलती है कि कौन कर्मचारी सफल है या कौन असफल। 
  2. बजटरी नियंत्रण से मजबूत संगठन के निर्माण में सहयोग होता है। संस्था के कमजोर बिन्दुओं की पहचान होती है। इससे कमजोर बिन्दुओं को दूर करने के प्रयास किये जा सकते हैं।
  3. बजटरी नियंत्रण द्वारा पूर्व निर्धारित परिणाम की लागत इस प्रकार नियंत्रण किया जाता है कि वो बढ़ नहीं पाती।
  4. बजटरी नियंत्रण से उत्पादन की विधि, प्रक्रिया तथा उत्पादन का वर्गीकरण आदि से सम्बन्धित सूचनायें प्राप्त होती हैं, जिसके आधार पर उत्पादन नीति का निर्धारण किया जाता है।
  5. बजट अनुमानों की तुलना वास्तविक परिणामों से की जाती है ताकि सुधारात्मक कदम आवश्यकता अनुसार उठाये जा सकें।
  6. कुशल तथा अकुशल कर्मचारियों की पहचान इसकी मदद से आसान हो जाती है। इस कारण अकुशल कर्मचारियों के लिए सुधार के उपाय किये जा सकते हैं।
  7. जो संस्थान अपनी क्रियाओं से सम्बन्धित विस्तृत बजट बनाते हैं, उन्हें आसानी से वित्त संस्थाओं से वित्त की प्राप्ति हो जाती है।
  8. बजटरी नियंत्रण द्वारा भावी समस्याओं तथा व्यावसायिक कठिनाइयों पर विचार किया जाता है, ताकि भविष्य की आकस्मिक एवं अनिश्चित शक्तियों द्वारा व्यवसाय को कोई हानि न हो और स्थिरता बनी रहे।
  9. बजटरी नियंत्रण में होने वाले व्यय की तुलना में इससे प्राप्त लाभ अधिक होते हैं, इसलिए इसको न अपनाना एक भूल ही मानी जायेगी।’’

बजटरी नियंत्रण की हानियाँ व सीमायें

बजटरी नियंत्रण की हानियाँ व सीमायें हैंः
  1. बजट अनुमानों पर आधारित होते हैं, अतः उनकी सफलता अनुमानों की शुद्धता पर निर्भर करती है, इसलिए अनुमानों की शुद्धता पर ध्यान देना चाहिये।
  2. अर्थव्यवस्था में हमेशा बदलाव होते रहते हैं। ऐसे में बजट का निर्माण कठिन कार्य है।
  3. बजट के निर्माण में धन व समय की अधिक आवश्यकता होती है, जिससे छोटी संस्थाओं के लिए इसे अपनाना मुश्किल होता है।
  4. बजटरी नियंत्रण की सफलता के लिए सभी विभागों में आपसी सहयोग अति आवश्यक है, जो व्यावहारिक रूप से पूरी तरह सम्भव नहीं है।
  5. बजट में पूर्व-निर्धारित अनुमान व वास्तविक परिणामों की तुलना की जाती है, लेकिन कभी भी पूर्व निर्धारित अनुमान वास्तविक परिणाम एक समान नहीं हो सकते।

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