भत्ते से आशय उस रकम से है जो एक मालिक अपने कर्मचारी को वेतन के साथ अलग से देता है। यह भत्ता किसी विशेष खर्च के जगह में में दिया जाता है, चाहे वह खर्च व्यक्तिगत हो अथवा किसी सरकारी कार्य को
करने के सम्बन्ध में। कुल वेतन की गणना में इसे भी जोड़ा जाता है।
भत्ता के प्रकार
भत्ता कितने प्रकार के होते हैं?1. विदेश भत्ता- यह भत्ता उन कर्मचारी वर्ग को दिया जाता है जो भारत के
नागरिक हैं तथा सरकार की सेवा में भारत के बाहर कार्यरत हैं।
2. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को भत्ता- उच्च न्यायालयों में कार्यरत
न्यायाधीशों को सरकार द्वारा दिया जाने वाला विशेष भत्ता होता है।
3. संयुक्त राष्ट्र संघ से प्राप्त भत्ते- जो कर्मचारी संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए कार्य
करते हैं उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ से भत्ते प्राप्त होते हैं।
4. यात्रा भत्ता- यह भत्ता मालिक अपने कर्मचारियों को उनके कार्य के
सम्बन्ध में की गई यात्राओं पर हुए खर्च की भरपाई के लिए दिया जाता है।
5. दैनिक भत्ता- यह भत्ता मालिक द्वारा अपने कर्मचारियों को कार्य के
सम्बन्ध में बाहर जाने पर दैनिक खर्चे की पूरा करने के लिए दिया जाता है।
6. स्थानीय यात्रा एवं कार भत्ता- यह भत्ता कर्मचारियों को कार्यस्थल पर आने
जाने अथवा बैठक आदि में भाग लेने के लिए दिया जाता है।
7. नौकर भत्ता- कर्मचारियों द्वारा यदि नौकर नियुक्त किया जाता है और
नियोक्ता द्वारा इस इस के भत्ता के लिए दिया जाता है।
8. अकादमिक भत्ता- अकादमिक गतिविधियों, शोध आदि के लिए के लिए दिया जाता है।
9. वर्दी भत्ता- मालिक द्वारा अपने कार्मिकों को सेवाकाल में प्रयोग की जाने
वाली वर्दी बनाने के लिए के लिए दिया जाता है।
10. मकान किराया भत्ता- कर्मचारियों के द्वारा अपने रहने के लिए किराये पर
मकान लेने पर होने वाले खर्चों की पूर्ति के लिए यह भत्ता दिया जाता है।
11. मनोरंजन भत्ता- मालिक द्वारा अपने कर्मचारियों को मनोरंजन भत्ता दिया जा
सकता है।
12. परिवहन भत्ता- निवास और कार्यालय के आने-जाने के लिए कर्मचारी
को उसके मालिक से परिवहन भत्ता प्राप्त होता है।
13. भूमिगत भत्ता- खानों के अन्दर कार्य करने वाले कर्मचारियों को भूमिगत भत्ता
प्रदान किया जाता है।
14. शिक्षा भत्ता- कर्मचारी के बच्चों की शिक्षा के लिए प्रदान किया जाता है।
15. छात्रावास (हाॅस्टल) भत्ता- बच्चों को छात्रावास में रहकर शिक्षा ग्रहण करने
के लिए यह भत्ता दिया जाता है।
16. संयुक्त पर्वतीय क्षतिपूरक भत्ता - पर्वतीय क्षेत्रों में कार्य करने वाले
कर्मचारियों को उन क्षेत्रों में होने वाले अतिरिक्त व्ययों की प्रतिपूर्ति हेतु पर्वतीय
क्षतिपूरक भत्ता मिलता है।
17. सीमान्त भत्ता- अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को
सीमान्त भत्ता प्रदान किया जाता है।
18. क्षतिपूरक युद्ध क्षेत्र भत्ता- अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैण्ड, हिमाचल
प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर के विशिष्ट क्षेत्रों में मिलने वाले क्षेत्र प्रतिपूरक भत्ता मिलता है।
19. क्षतिपूरक संशोधित युद्ध क्षेत्र भत्ता- पंजाब, राजस्थान, हरयाणा, हिमाचल
प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, आसाम, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, पश्चिमी बंगाल, उत्तर
प्रदेश तथा जम्मू व कश्मीर के विशिष्ट क्षेत्रों में प्रतिपूरक संशोधित क्षेत्र भत्ता के रूप
में भत्ता दिया जाता है।
20. मंहगाई भत्ता- निरन्तर बढ़ती हुई मंहगाई का सामना करने के लिए
कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता प्रदान किया जाता है।
21. नगर प्रतिपूरक भत्ता- बडे़ नगरों में रहने के व्यय अधिक होते हैं अतः वहाॅं
कार्य करने वाले कर्मचारियों को कुछ भत्ता प्रदान किया जात है।
22. चिकित्सा भत्ता- कर्मचारी को यदि चिकित्सा भत्ता प्रदान किया जाता है तो
वह पूर्णतः करयोग्य होता है। चिकित्सा भत्ते की राशि कर्मचारी द्वारा पूर्णतः व्यय कर
दी जाये अथवा पूर्णतः बचा ली जाये किन्तु आयकर की दृष्टि से यह भत्ता पूर्णतः
करयोग्य मानी जायेगी। चिकित्सा हेतु प्रदत्त सुविधाएं चिकित्सा भत्ता नहीं होतीं।
23. वार्डन भत्ता- छात्रावास में प्रबन्धन करने के लिए छात्रावास अधीक्षक को
वार्डन भत्ता प्रदान किया जाता है।
24. प्रतिनियुक्ति भत्ता- जब मालिक अपने कर्मचारी को उसके कार्य से अलग
किसी अन्य कार्य पर उसी संस्था के किसी अन्य विभाग में अथवा अन्य संस्था में कुछ
समय के लिए स्थानांतरित करती है तो उन्हें अतिरिक्त व्ययों की पूर्ति के लिए अथवा
उन्हें कार्य के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त भत्ता प्रदान करती है।
25. अन्य भत्ते- उपरोक्त के अतिरिक्त कर्मचारी को प्राप्त होने वाला बेरोजगारी भत्ता, टिफिन
भत्ता, प्राक्टर भत्ता, कुत्ता भत्ता, ओवर टाइम भत्ता, रात्रि भत्ता, परिवार भत्ता,
परियोजना भत्ता आदि ।
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