मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां कौन-कौन सी है?

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां नर्मदा, ताप्ती, चम्बल, सोन, काली सिंध, सिंध, बेतवा, पार्वती, वैनगंगा, केन, क्षिप्रा, तवा।
  1. पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ- नर्मदा और ताप्ती। 
  2. उत्तर की ओर बहने वाली नदियाँ-चम्बल, बेतवा, सोन, केन, काली, सिन्धु, पर्वती।
  3. दक्षिण की ओर बहने वाली नदियाँ-वैनगंगा आदि।

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां नर्मदा, ताप्ती, चम्बल, सोन, काली सिंध, सिंध, बेतवा, पार्वती, वैनगंगा, केन, क्षिप्रा, तवा। 

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां


(1) नर्मदा - यह नदी 1,312 किलोमीटर लम्बी है। मध्य प्रदेश में 1,077 किमी बहती है। मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, खण्डवा और खरगौन जिलों में बहती हुई गुजरात के भरूच जिले में बहती हुई खंभात की खाड़ी में गिरती है। 

(2) ताप्ती - मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में मुल्ताई नगर के पास से सतपुड़ा के दक्षिण में 762 मीटर की ऊँचाई से निकलती है। यह नदी नर्मदा के समानान्तर पूर्व से पश्चिम में बहती हुई खम्भात की खाड़ी में गिरती है। इसकी लम्बाई 724 किमी. है। 

(3) चम्बल - चम्बल नदी मध्य प्रदेश में मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से निकलती है। यह पहाड़ी समुद्र-तल से 854 मीटर ऊँची है। यह पहले उत्तर-पूरब की मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, जिलों में बहती हुई राजस्थान के बूँदी, कोटा और धौलपुर में आती है फिर पूर्व की ओर बहकर इटावा से 38 किमी. दूर
यमुना में मिलती है। इस नदी में बहुत बाढ़ आती है। इसकी धारा ने ग्वालियर के निकटवर्ती भागों में
बहुत बड़ी और गहरी खाइयाँ बना दीं। इसकी सम्पूर्ण लम्बाई 965 किमी. है। 

(4) सोन - विन्ध्यालय पर्वत की अमरकंटक की पहाडि़यों से नर्मदा के उद्गम स्थान के निकट से निकलती है। शीघ्र ही यह पठार को पार करके नीचे उतरती है। इससे झरने बन जाते हैं। यह नदी गंगा में मिलती है।

(5) महानदी - यह रायपुर (छत्तीसगढ़) जिले से सिहावा के निकट 42 मीटर की ऊँचाई से निकलती है और दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है। यह मध्य प्रदेश एवं आन्ध्र प्रदेश में बहती हुई उड़ीसा में डेल्टा बनाकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

(6) बेतवा - यह मध्य प्रदेश के भोपाल के निकट से निकलती है। बीना और धसाने दाहिनी ओर से तथा सिन्ध बायीं ओर से आकर मिलती हैं। गुना में सिन्ध से मिलने के बाद बेतवा की दिशा उत्तर से उत्तर-पूर्व हो जाती है। बाद में यह नदी हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है।

(7) हसदो - यह नदी सरगुजा जिले में कैम्मूरु की पहाड़ी श्रेणियों से निकलकर बिलासपुर (छत्तीसगढ़) जिले में बहती है और महानदी में मिलती है।

(8) इन्द्रावती - यह नदी बस्तर (छत्तीसगढ़) जिले से निकलती है। पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हुई चित्रकूट पर जलप्रपात बनाती हुई गोदावरी नदी में मिल जाती है।

(9) तवा - पंचमढ़ी के पास महादेव पर्वत की काली भीत पहाडि़यों से निकलकर उत्तर की ओर बहती है। यह होशंगाबाद की मुख्य नदी है। देनवा, सुखतवा इसकी सहायक नदियाँ हैं। अन्त में यह नर्मदा नदी में मिल जाती है।

(10) क्षिप्रा - यह नदी इन्दौर जिले में स्थित काकरी-विरडी पहाड़ी से निकलती है। यह देवास, उज्जैन जिलों में होती हुई चम्बल में मिल जाती है। उज्जैन का महाकालेश्वर मन्दिर क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है।

(11) काली-सिन्ध - यह नदी देवास के वगालों गाँव के समीप विन्ध्याचल से निकलती है तथा शाजापुर एवं नरसिंहगढ़ जिलों में बहकर राजस्थान में चम्बल नदी में मिलती है।

(12) सिन्ध - यह गुना जिले में सिरोंज के निकट से निकलती है। गुना, शिवपुरी, दतिया एवं भिण्ड में बहती हुई इटावा के पास चम्बल में मिल जाती है।

(13) केन - विन्ध्याचल पर्वत से निकलकर उत्तर की ओर बहती हुई उत्तर प्रदेश में यमुना में मिलती है।

(14) पार्वती - यह नदी विन्ध्यन कगार के उत्तरी ढाल से सिहोर जिले में निकलती है। अन्त में यह चम्बल में मिल जाती है।

(15) कुवारी - यह शिवपुरी पठार से निकली है। सिन्ध की सहायक यह नदी मुरैना पठार के जल विभाजन द्वारा कुनू और चम्बल से अलग होकर पूर्व की ओर चम्बल के समानान्तर बहकर भिण्ड जिले की लाहर तहसील में सिन्ध से मिलती है।

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