उल्कापिंड क्या है ?

उल्का चट्टानों या धातु के छोटे टुकड़े होते हैं। जब क्षुद्रग्रह टूटते हैं तो उल्का बन जाते है। यह उल्का जब रतार से यात्रा करते है तो इनमें हवा के घर्षण से आग लग जाती है और तब ये उल्का से उल्कापिंड बन जाते हैं। कई लोग इस गिरते हुए जलते उल्कापिंड को टूटता हुआ तारा कहते हैं। उल्काएं प्रकाश की चमकीली धारी के रूप में दिखाई देती हैं। बड़े उल्का पिंड बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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