जिस प्रकार शरीर की व्यवस्थता की जाँच डॉक्टर से कराना आवश्यक है, उसी प्रकार लेख-पुस्तकों की जाँच अंकेक्षण से कराना आवश्यक है। डॉक्टर शरीर जाँच के बाद यह प्रमाणित करता है कि शरीर में दोष है या नहीं; यदि है तो किस प्रकार का है, ऐसा रिपोर्ट में लिख देता ह…