अरविन्द घोष

अरविन्द घोष के शैक्षिक विचार

अरविन्द घोष एक महान शिक्षाविद एवं दार्शनिक थे। वे अपने शैक्षिक विचारों को अपनी पुस्तक “नेशनल सिस्टम ऑफ एजुकेशन” तथा “आन एजुकेशन” में व्यक्त किए हैं। उपनिषद् एवं वेदान्त के मौलिक सार तत्व उनके जीवन दर्शन के आधार थे। उन्होंने आध्यात्मिक अभ्यास, योग तथा…

अरविन्द घोष का जीवन परिचय एवं महत्वपूर्ण रचनाएं

अरविन्द घोष का जन्म 15 अगस्त, 1872 ई0 को कलकत्ता में हुआ। उनके पिता डॉ. कृष्णधन घोष एक सफल चिकित्सक थे और उन पर पाश्चात्य सभ्यता व संस्कृति का प्रभाव कुछ ज्यादा ही था। इसलिए उन्होंने अरबिन्द घोष को भारतीय सभ्यता से दूर रखने के लिए दार्जिलिंग के लोरेंट…

अरविन्द घोष के राजनीतिक विचार

अरविन्द घोष एक सच्चे राष्ट्रवादी थे। उनकी इच्छा थी कि भारत को अतिशीघ्र ही स्वतन्त्रता मिलनी चाहिए। उनके चिन्तन का मुख्य ध्येय अधिक व्यक्तियों के सुख की बजाय सभी का अधिकतम हित था। उन्होंने गीता, वेदों, उपनिषदों से ज्ञान प्राप्त करके ऐसी विधियों की खोज…

अरविन्द घोष जीवन परिचय, जीवन दर्शन एवं शिक्षा दर्शन

अरविन्द घोष का जन्म 15 अगस्त 1872 को कलकत्ता में हुआ। अरविन्द घोष के पिता डॉ. कृष्णधन घोष विलायत से डॉक्टरी की पढ़ाई करके लौटे तो अंग्रेजियत के भक्त होकर आये। अरविन्द घोष को जन्म के समय जो नाम दिया गया उसमें बीच में विलायती नाम भी जोड़ा हुआ था - अरविन…

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