अर्थव्यवस्था

देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व || आर्थिक विकास में कृषि क्षेत्र का योगदान

भारत एक विकासशील कृषि प्रधान देश है। आर्थिक नियोजन को अपनाने के पश्चात इसके स्वरूप में कुछ परिवर्तन हुए हैं तथापि यहां कृषि की प्रधानता बनी हुई है। भारत की 50.8% से अधिक जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है किन्तु इसके बावजूद भारतीय कृषि पिछड़ी अवस्था मे…

आर्थिक सुधार की आवश्यकता, स्वरूप और उसके क्षेत्र

सार्वजनिक क्षेत्र का विस्तार करने की पहले की नीतियों ने सार्वजनिक क्षेत्र को अकुशल बना दिया था तथा इस क्षेत्र में बहुत अधिक हानि हो रही थी। लाइसेंस और नियंत्रण प्रणाली ने निजी क्षेत्र द्वारा निवेश पर रोक लगा दिया तथा इसके कारण विदेशी निवेशक भी हतोत्स…

अर्थव्यवस्था के प्रकार और अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं

अर्थव्यवस्था मानवीय आवश्यकताओं की संतुष्टि करने के लिये एक मानव निर्मित संगठन है। प्राचीनकाल में, ‘जीविका प्राप्त करना’ सरल था परन्तु सभ्यता के विकास के साथ यह अत्यंत जटिल हो गया है। यहां यह ध्यान देना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जिस विधि से व्यक्ति जीविक…

अर्थव्यवस्था की तीन मुख्य केन्द्रीय समस्याएं

उत्पादन के सीमित साधनों के कारण सभी अर्थव्यवस्थाओं में चयन की समस्या उत्पन्न होती है। सभी प्रकार की अर्थव्यवस्था के सामने यह समस्या उत्पन्न होती है चाहे उसका आकार, स्वरूप विकास का स्तर कुछ भी हो। अर्थव्यवस्था अमीर हो गरीब हो विकसित, अल्प हो, समाजवादी …

राजकोषीय नीति का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, उपकरण, सीमाएँ

राजकोषीय नीति वह नीति हैं जिसमें सरकार अपने आय, व्यय, और ऋण व्यवस्था का उपयोग आर्थिक विकास, आर्थिक समानता, तथा पूर्ण रोजगार प्राप्त करने के लिए करती हैं। राजकोषीय नीति का अर्थ राजकोषीय नीति सरकार की आय, व्यय तथा ऋण से सम्बन्धित नीतियों से लगाया जाता …

औद्योगिक नीति का अर्थ, महत्व एवं औद्योगिक नीति का विकास

औद्योगिक नीति से तात्पर्य देश के औद्योगीकरण हेतु प्रस्तुत की गयी स्पष्ट तथा सुव्यवस्थित व्यूह रचना से हैं जो देश के भावी औद्योगिक विकास के स्वरूप की रूपरेखा प्रस्तुत करता हैं तथा उस स्वरूप की स्थापना करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी प्रस्तुत किये जा…

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