अस्तित्ववाद

अस्तित्ववादी शिक्षा का अर्थ, उद्देश्य, शिक्षण विधियाँ

अस्तित्ववादी दर्शन इतना क्रान्तिकारी तथा जटिल है कि शिक्षा की दृष्टि से इस पर कुछ कम विचार हुआ है। अस्तित्ववाद का पादुर्भाव एक जर्मन दार्शिनिक हीगेल के ‘‘अंगीकारात्मक या स्वीकारात्मक’’ आदर्शवाद का विरोध है। हम पूर्व में भी पढ़ चुके है कि यह अहंवादी दर…

अस्तित्ववाद के प्रमुख विचारक कौन हैं

अस्तित्ववाद बीसवीं सदी का दर्शन है हालांकि यह संज्ञान में काफी पहले आ गया था। अस्तित्ववाद से हमारा परिचय साहित्यिक आंदोलन के रूप में होता है। अस्तित्ववाद में सिद्धांत व विचार की अपेक्षा व्यक्ति के अस्तित्व को महत्व दिया गया। वह उन सभी मान्यताओं, सिद्ध…

अस्तित्ववाद क्या है, अर्थ, परिभाषा, प्रमुख विशेषताएं

अस्तित्ववाद से क्या तात्पर्य है अस्तित्ववाद एक ऐसी विचारधारा है जो 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के दौरान सामने आई। इसके मूल में आधुनिकता की यह दृष्टि निहित थी कि एक मनुष्य सोचता, विचारता, अनुभव करता, जीवन जीता वैयक्तिक (Individual) है। ज्याँ पाल सार्त्र क…

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