आसन

धनुरासन करने की विधि और लाभ

इस आसन की अंतिम अवस्था में हाथ एवं पैरों को कमान की तरह ताना जाता है जिससे इसकी आकृति धनुष की भांति दिखाई पडती है इसलिये इसे धनुरासन कहते है । यह आसन शरीर संवर्धनात्मक आसनों के अंतर्गत आता है। धनुरासन की विधि (पेट के बल लेटकर) दोनों हाथ साईड में, हाथ …

मत्स्यासन की विधि और लाभ

मत्स्य अर्थात मछली । इस आसन की अंतिम स्थिति में शरीर की स्थिति मछली की तरह हो जाती है, इसलिए इसे मत्स्यासन नाम से जाना जाता है। कुछ महर्षियों का मत है कि इस आसन को लगाकर यदि पानी में रह जाते हैं, तो इंसान मछली की भांति तैर सकता है। इसलिये इसे मत्स्यास…

सर्वांगासन की विधि, सर्वांगासन के लाभ, सावधानियां

इस आसन को सर्वांगासन इसलिये कहा जाता है क्योंकि इस आसन से शरीर के सभी अंग प्रभावित होते है, इसलिये इसे सर्वांगासन कहा जाता है।  सर्वांगासन की विधि पीठ के बल लेटकर दोनों पैर सामने, गर्दन सीधी, दोनों हाथ कोहनी से सीधे हथेलियां जमीन की ओर। दोनों पैरों को…

ताड़ासन योग करने की विधि और लाभ

यह योग के आधारभूत आसनों में से एक है। ताड़ासन योग का नाम दो संस्कृत शब्दांे से मिलकर बना है। ‘ताड़’ जिसका मतलब है ‘पर्वत’ और ‘आसन ’का अर्थ है ‘मुद्रा’, यानि की इस आसन का अर्थ है पर्वत की मुद्रा में होना। ताड़ासन शरीर की लंबाई बढ़ाने और पैरों से लेकर …

वज्रासन योग करने की विधि, लाभ और सावधानियां

वक्र शब्द का अर्थ टेढ़ा अर्थात मोड़ना है। इस आसन को करते समय गर्दन और पीठ को पीछे की तरफ मोड़ा जाता है जिसके कारण इसे वक्रासन कहा जाता है। इसको करने पर पीठ और पेट पर सबसे ज्यादा खिंचाव होता है। इसलिए यह रीढ़ की हड्डी को लचीला तथा पाचन क्रिया को मजबूत बन…

योग आसन क्या है, कितने प्रकार के होते हैं योगासन

आसन- आसन का अर्थ होता है - स्थिरता पूर्वक बैठना। आसनों का अभ्यास निरंतर करते रहने से शरीर में स्थिरता आती है। सम्पूर्ण शरीर को आरोग्यता प्राप्त होती है तथा शरीर हल्का हो जाता है क्योंकि शरीर में स्थित विषैले पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। आसन के प…

आसन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, महत्व, उद्देश्य, विधि व लाभ

आसन का अर्थ है- यह शरीर और मन पर नियंत्रण हेतु विभिन्न शारीरिक मुद्राओं का अभ्यास। आसन शब्द कई अर्थों में प्रयुक्त होता है जैसे शरीर के द्वारा बनाये गये विशेष स्थिति, बैठने का विशेष तरीका, हाथी के शरीर का अगला भाग, घोडे़ का कन्धा आदि परन्तु हठयोग में …

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