जब तक हजरत मुहम्मद जीवित रहे वे पैगम्बर, कानून निर्माता, धर्मगुरू, प्रधन न्यायाधीश, प्रधान सेनापति और राज्याध्यक्ष के सभी कार्यों का निर्वाह करते रहे, परन्तु उनके देहावसान के बाद मुसलमानों के सन्मुख उनके उत्तराधिकार की गम्भीर समस्या उठ खड़ी हुई। आध्या…