उद्योग

उद्योग किसे कहते है?

व्यावसायिक क्रिया के उत्पादन पक्ष को उद्योग कहते हैं। यह ऐसी व्यावसायिक क्रिया है जो उत्पादों के बढ़ाने, उत्पादन, प्रक्रियण अथवा निर्माण से संबंधित है। ये उत्पाद, उपभोक्ता वस्तुएँ या उत्पादक माल हो सकते हैं। उपभोक्ता वस्तुएँ वे हैं जिनका उपयोग अंतत: उ…

भारत में आधुनिक औद्योगिक विकास का प्रारंभ

भारत में आधुनिक औद्योगिक विकास का प्रारंभ मुंबई में प्रथम सूती कपड़े की मिल की स्थापना (1854) से हुआ। इस कारखाने की स्थापना में भारतीय पूंजी तथा भारतीय प्रबंधन ही मुख्य था। जूट उद्योग का प्रारंभ 1855 में कोलकाता के समीप हुगली घाटी में जूट मिल की स्थाप…

लघु एवं कुटीर उद्योगों का अर्थव्यवस्था में महत्व

सामान्यतः उद्योग तीन प्रकार के होते हैं -लघु, मध्यम और वृहत । परन्तु कुटीर एवं सूक्ष्म उद्योगों को भी समय-समय पर सरकार द्वारा परिभाषित किया जाता है जिनको शामिल करके उद्योग पाँच प्रकार के हो जाते हैं- कुटीर उद्योग - प्रायः मोटे तौर पर लघु एवं कुटीर उद…

ग्रामोद्योग का अर्थ क्या है ?

ग्रामोद्योग का तात्पर्य यह है कि जो उद्योग ग्रामीण क्षेत्र में हो जहां की आबादी 20 हजार से अधिक न हो वहां स्थापित हो, जिसके उत्पादन व सेवा कार्य करने में विद्युत शक्ति का प्रयोग हो अथवा न हो एवं 50 हजार रूपये प्रति व्यक्ति पूंजी विनियोग से अधिक न हो ऐ…

भारत में औद्योगिक विकास की शुरुआत कब से हुई?

भारत में आधुनिक औद्योगिक विकास का प्रारंभ मुंबई में प्रथम सूती कपड़े की मिल की स्थापना (1854) से हुआ। इस कारखाने की स्थापना में भारतीय पूँजी तथा भारतीय प्रबंधन ही मुख्य था। जूट उद्योग का प्रारंभ 1855 में कोलकाता के समीप हुगली घाटी में जूट मिल की स्था…

उद्योग किसे कहते हैं? उद्योगों के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।

जहाँ वस्तुओं व सेवाओं के निर्माण के लिये व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध कार्य किया जाता है, उद्योग कहते हैं। उद्योग किसे कहते हैं? व्यावसायिक क्रिया के उत्पादन पक्ष को उद्योग कहते हैं। यह ऐसी व्यावसायिक क्रिया है जो उत्पादों के बढ़ाने, उत्पादन, प्रक्रियण अथवा…

उद्योग किसे कहते है उद्योग की परिभाषा? - udhyog kise kehte hai

उद्योग में वे समस्त क्रियाएं शामिल की जाती है जिनके माध्यम से कच्चे माल से पक्के माल को निर्मित कर बिक्री योग्य बनाया जाता है। अर्थात् औद्योगिक क्रिया के द्वारा किसी भी वस्तु का मूलरूप परिवर्तित कर उपयोगी बनाया जाता है। उद्योग को निम्न भागों में बांटा…

औद्योगिक नीति का अर्थ, महत्व एवं औद्योगिक नीति का विकास

औद्योगिक नीति से तात्पर्य देश के औद्योगीकरण हेतु प्रस्तुत की गयी स्पष्ट तथा सुव्यवस्थित व्यूह रचना से हैं जो देश के भावी औद्योगिक विकास के स्वरूप की रूपरेखा प्रस्तुत करता हैं तथा उस स्वरूप की स्थापना करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी प्रस्तुत किये जा…

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