आगरा तथा दिल्ली के आस-पास की हिंदी अरबी-फारसी तथा अन्य विदेशी शब्दों के सम्मिश्रण से विकसित हुई है। इसका दूसरा नाम ‘उर्दू’ भी है। मुसलमानी राज्य में यह अंतरप्रांतीय व्यवहार की भाषा थी। 19वीं शताब्दी में ‘हिंदुस्तानी’ का शब्द उर्दू का वाचक बन गया था। …