नवपाषाण काल में कृषि की शुरूआत के साथ ही मानव के जीवन में स्थायित्व आ गया था और साथ ही उसने पशुपालन की भी शुरूआत कर दी थी। इस काल का मानव अब खाद्य संग्रहकर्ता से खाद्य-उत्पादनकर्ता बन गया था। कृषि कर्म में प्राय: स्त्रियां संलिप्त रहती थी तथा शिकार मे…