जब एकाधिकारी अपनी वस्तु के लिये भिन्न-भिन्न क्रेताओं से भिन्न-भिन्न कीमतें लेता है। तो उसे कीमत विभेद या विभेदात्मक एकाधिकार कहते हैं जैसे हरियाणा बिजली बोर्ड, घरेलू उपयोग के लिए बिजली की दर अधिक वसूल करता है तथा उद्योगों के लिए बिजली की प्रति ईकाई कम…