जाति-व्यवस्था

जाति व्यवस्था के गुण और जाति व्यवस्था के दोषों की विवेचना

समय-समय पर भारतीय जाति-व्यवस्था की विभिन्न लेखकों द्वारा आलोचना की गई है। समाज में जितनी बुराइयां हैं, उन सबके लिए जाति-व्यवस्था को दोषी ठहराया गया है। परन्तु एक मात्र यही तथ्य कि इतने आक्षेपों के बावजूद भी यह पहले की भांति अभी तक चल रही है, इस बात का…

जाति व्यवस्था का सम्पूर्ण विचार प्राप्त करने के लिए इसकी विशेषताओं का वर्णन किया जा सकता है

‘जाति’ शब्द एक पुर्तगाली शब्द ‘कास्टा’ से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ नस्ल, कुल या समूह से लिया गया है। एक व्यक्ति एक जाति में पैदा होता है और स्थायी तौर पर उसी का सदस्य बना रहता है।  जाति व्यवस्था की विशेषताएं जाति-व्यवस्था का सम्पूर्ण विचार प्राप्त क…

जाति व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं

भारत में जाति व्यवस्था का अध्ययन तीन परिप्रेक्ष्यों में किया गया है: भारतशास्त्रीय (Indological), समाज-मानवशास्त्रीय (socio-anthropological) तथा समाज-शास्त्रीय (sociological)। भारतशास्त्रीयों ने जाति का अध्ययन धर्म ग्रंथीय (scriptual) दृष्टिकोण से किय…

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