जीव विज्ञान

जीव विज्ञान शिक्षण के उद्देश्य

किसी विषय की पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिये यह आवश्यक है कि उसके उद्देश्यों के ज्ञान के अभाव में शिक्षक का कार्य उचित रूप से नही हो पाता है इस विषय में बी.डी. भाटिया का कथन है कि ‘‘उद्देश्यों के ज्ञान के बिना शिक्षक उस नाविक के समान है जिसे अपने …

जीव विज्ञान शिक्षण के मूल्य का वर्णन

मूल्य एक अमूर्त गुण है मूल्यों के निर्धारण में सामाजिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण योगदान लेता है आज मानव समाज से मानव ही एक प्राणी है जो व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन के लिये आदर्श, लक्ष्य, व्यवहार व अन्य मूल्यों को निर्धारित करता है ओर जीवन यापन …

प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं - Prakash sanshleshan kise kahate hain

Prakash sanshleshan kise kahate hain सभी हरे पौधे स्वपोषी होते हैं। वे अपना भोजन बनाने के लिए कार्बन डाइ आक्साईड, पानी तथा खनिज लवण जैसी कच्ची सामग्री का उपयोग करते हैं। हरे पौधों में भोजन बनाने की यह प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण द्वारा होती है। हरे पौधे…

कोशिका किसे कहते हैं इसकी खोज किसने की?

सभी जीवधारयिों का शरीर एक विशेष प्रकार के द्रव्य से बना होता है जिसे जीवद्रव्य (Protoplasm) कहा जाता है। जीवधारियों में यह जीवद्रव्य बहुत छोटी-छोटी इकाइयों में संगठित होता है। इन इकाइयों (Units) को कोशिकाएं कहा जाता है। कोशिकाओं की तुलना किसी दीवार क…

मोनेरा, प्रोटीस्टा, और फंजाई जगत

जगत मोनेरा जगत मोनेरा जिसके अंतर्गत सभी बैक्टीरिया आते है और जगत प्रोटिस्टा जिसके अंतर्गत प्रोटोजोआ, डायटम और कुछ शैवाल आते हैं एक प्रकार से जीव जगत् में सबसे नीचे के वर्ग हैं। सभी बैक्टीरिया और अधिकांश प्रोटिस्टा और कई कवक-सुक्ष्मदश्री होते हैं और इ…

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