24 अक्टूबर, 1923 को जर्मन सरकार ने क्षतिपूर्ति आयोग को एक पत्र लिखकर, यह आग्रह किया कि, वह क्षतिपूर्ति की अदायगी के लिए तैयार है, लेकिन, उसने आयोग से प्रार्थना की कि, वह उसकी आर्थिक क्षमता का अध्ययन कर उसे बताए कि, वह किस प्रकार इस ऋण को चुका सकता है…