नैतिक विकास

कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत

कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत लॉरेन्स कोहलबर्ग ने जीन पियाजे के सिद्धांत को आधार बनाकर नैतिक विकास की अवस्था का सिद्धांत दिया, जिसे उसे तीन भागों में विभाजित किया हैं – 1. पूर्व परम्परागत स्तर या पूर्व नैतिक स्तर (4 से 10 वर्ष)  इस आयु के बालक…

नैतिक विकास की अवस्थाएं एवं माध्यम

नैतिक विकास की विभिन्न अवस्थाओं से होकर नैतिक मूल्यों का ज्ञान तथा उनका क्रियान्वयन सीखता है। इन सभी अवस्थाओं को विस्तार से निम्न प्रकार से बतलाया है : नैतिक विकास की अवस्थाएं नैतिक विकास की सभी अवस्थाओं को विस्तार से निम्न प्रकार से बतलाया है : शैशव…

जीन पियाजे का नैतिक विकास का सिद्धांत और कोहलबर्ग का नैतिक विकास सिद्धांत

नैतिकता व्यक्ति के स्वभाव के अनुकूल आचरण है व्यक्ति के निम्न स्वभाव के अंतर्गत वह स्वार्थी, पाशविक एवं वासनात्मक आचरण करता है। दूसरों के सुख-सुविधा हेतु त्याग एवं परोपकार व्यक्ति के उच्च स्वभाव की प्रवृत्तियाँ हैं। जब व्यक्ति अपनी स्वार्थमय प्रवृत्तिय…

नैतिकता का सामान्य अर्थ, नैतिक विकास को प्रभावित करने वाले कारक

नैतिकता का सामान्य अर्थ सज्जनता या चरित्रनिष्ठा समझा जाए यह कहा गया है कि हमें दूसरों के साथ वह व्यवहार करना चाहिए जो दूसरों से अपने लिए चाहते हैं। सूत्र रूप में मानवीय गरिमा के अनुरूप आचरण को नैतिकता कहा जाता है आहार, व्यवहार, उपार्जन, व्यवसाय, परिवा…

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