पूंजी की सीमांत उत्पादकता

पूंजी की सीमांत उत्पादकता क्या है इसकी व्याख्या

इरविंग फिषर नें 1930 में पूंजी की सीमांत उत्पादकता का प्रयोग ‘लागत पर प्राप्त प्रतिफल की दर’ के रुप में किया। पूंजी की सीमांत उत्पादकता से अभिप्राय नए निवेश से प्राप्त होने वाले लाभ की अनुमानित दर से है। डिल्लर्ड के अनुसार, “किसी पूंजीगत पदार्थ की अति…

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