प्रकृति के तीन गुण

प्रकृति के तीन गुण सत्व, रजस, तमस की परिभाषा

वामन शिवराम आप्टे के संस्कृत हिन्दी कोश के अनुसार प्र + कृ + क्तिन् के योग में बने 'प्रकृति' शब्द का अर्थ है किसी वस्तु की मूल स्थिति, माया, जड़, जगत् तथा स्वाभाविक रूप से । प्रकृति की परिधि में सृष्टि के प्रमुख उपकरणों भूमि, जल, अग्नि, वायु त…

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