भारत का इतिहास 1756 से 1857
सन् 1757 ई. में प्लासी के युद्ध के बाद भारत में अंग्रेजी साम्राज्य की स्थापना हुई थी। इसके सौ वर्षों बाद 1857 ईस्वी तक ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना अधिकार धीरे-धीरे व्यापार के माध्यम से शुरू किया किन्तु भारतीयों के आपस के झगड़ों का लाभ उठाकर मुट्ठी भर अं…
प्रथम आंग्ल-सिक्ख युद्ध (1845 ई.) के कारण 1. रानी झिन्दन की कूटनीति- रणजीतसिंह की मृत्यु के बाद सिक्ख सेना के अधिकारियों ने उत्तराधिकारी-युद्ध में और दरबार के षड्यंत्रो में अत्यन्त सक्रियता से भाग लिया। उनकी शक्ति और उच्छृंखलता इतनी बढ़ गयी थी कि …
प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1772 ई. से 1784 ई.) 1761 ई. में पनीपत के तृतीय युद्ध के कुछ समय बाद ही पेशवा बालाजी बाजीराव की मृत्यु हो गयी। उसके पश्चात उसका पुत्र माधवराव पेशवा बना। उसने थोड़े समय में ही मराठा शक्ति ओर साम्राज्य को पुन: बढ़ा लिया और महा…
बक्सर का युद्ध के कारण और परिणाम निम्नलिखित है। बक्सर युद्ध के कारण बक्सर का युद्ध के कारण निम्नलिखित है। बंगाल में प्रभुत्व की समस्या संरक्षण की नीति का त्याग एलिस की नीति अंग्रेजों का व्यापारिक विवाद मीरकासिम के विरूद्ध शड़यंत्र एवं पटना पर आक…
ज्योंही कलकत्ता के पतन का समाचार मद्रास पहुंचा, वहां के अधिकारियों ने एक सेना जो उन्होंने फ्रांसीसियों के विरुद्ध युद्ध के लिए गठित की थी, क्लाइव के नेतृत्व में कलकत्ते भेज दी। क्लाइव को अपना कार्य शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण करने को कहा गया क्योंकि यह सेना फ…