किसी भी राष्ट्र में मनुष्य के जीवन की महत्त्वपूर्ण धूरी ‘अर्थ’ होती है। अर्थ के माध्यम से ही मनुष्य अपनी सम्पूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। मनुष्य के समस्त क्रिया-कलापों को अर्थ के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है। अर्थ ही राष्ट्र के विकास का निर…