रामायण के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि ने स्वयं अपने को प्रचेता का दशम पुत्र बतलाया है। महर्षि के विषय में अन्य प्रामाणिक जानकारी के सूत्रा का अभाव होते हुए भी यत्रा-तत्रा प्राप्त सामग्री के आधार पर उनके जीवन का एक संक्षिप्त चित्र प्रस्तुत किया जा सकता है।…