मानवतावाद को मूलत: मनुष्य जाति के प्रति नैतिक दृष्टि रूप में देखा जाता है। जहा दयालुता, परोपकार सहानुभूति जैसे गुणों को मनुष्यता के लिए सार्वभैामिक माना जाता है। इसके अनुसार पीड़ा और यातना के संदर्भ में किसी के प्रति लिंग, प्रजाति, राष्ट्रीयता, धर्म …