मुगलकालीन भारत

बाबर का इतिहास और जीवन परिचय

बाबर का जन्म 14 फरवरी, 1483 ई. (मुहर्रम 6,888 हिजरी) को फरगना में हुआ था। वह एशिया के दो महान् साम्राज्य निर्माताओं - ‘चंगेजखां’ एवं ‘तैमूर’ का वंशज होने का दावा कर सकता था। अपने पिता की ओर से वह तैमूर की पांचवीं पीढ़ी और माता की ओर से चंगेज की चौदहवी…

खानवा का युद्ध के परिणाम, बाबर की विजय के कारण

राणा संग्राम सिंह ने खानवा के मैदान में 16 मार्च, 1527 ई. को पड़ाव डाला। 17 मार्च, 1527 ई. को बाबर खानवा पहुँच गया। दोनों के शिविरों के बीच चार मील की दूरी थी। राणा सांगा की सैन्य संख्या बाबर की तुलना में लगभग दुगुनी थी, किन्तु बयाना युद्ध के बाद उसने…

पानीपत का प्रथम युद्ध के परिणाम, बाबर के विजय के कारण

पानीपत का प्रथम युद्ध बाबर और इब्राहीम लोदी के बीच 21 अप्रैल, 1526 ई. को हुआ था। यह युद्ध भारत में संप्रभुता की स्थापना करने के लिए मुगल-अफगान संघर्ष था, जो 1556 ई. तक चलता रहा। भारत वर्ष पर मुगलों का यह प्रथम आक्रमण नहीं था। सुल्तान इल्तुतमिश के शासन…

बाबर के आक्रमण के समय भारत की स्थिति

जहीरूद्दीन मुहम्मद बाबर पितृकुल में तैमूर से 6ठीं पीढ़ी में उत्पन्न हुआ था और उसकी माँ प्रसिद्ध मंगोल चंगेज खाँ की चौदहवीं वंशज थी। उसके जीवन पर इन दो महान व्यक्तियों के आदेर्शों एवं उद्देश्यों का प्रभाव पूर्णरूपेण था।  यह भी पढ़ें: बाबर का इतिहास …

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