मेहर वह धन है जो विवाह के प्रतिफल के रूप में पत्नी अपने पति से लेने की अधिकारिणी होती है। मुस्लिम नियमों के अन्तर्गत मेहर पति पर एक कर्तव्य है जो कि पत्नी के पति आदर का सूचक होता है। इस प्रकार यह वधू-मूल्य नहीं है। मेहर के मुख्य उद्देश्य इसके मुख्य उ…