यथार्थवाद कोई नई विचारधारा नहीं हे सृष्टि के आरम्भ से ही मानव अपने चारों ओर की वस्तुओं को देखकर उनमें विश्वास करता रहा है और यही यथार्थवादी विचारधारा की मूल पृष्ठभूमि है। प्रो. डी.एम. दत्त के अनुसार- ‘‘यथार्थवादी दृमिटकोण किसी भी प्रकार दर्शन में एक न…