लोक वित्त

अर्थव्यवस्था में लोक व्यय के लिए नियमों की आवश्यकता है या नहीं?

इसमें एडोल्फ वैगनर तथा वाइजमैन पीकॉक के नियमों को आप अच्छी तरह से समझ सकेंगे जो लोक व्यय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखते है तथा लोक व्यय के विभिन्न पक्षों को वास्तविकता के साथ स्पष्ट करते है। इसके साथ वैगनर तथा वाइजमैन पीकॉक के नियमों की भी समीक…

घाटे की वित्त व्यवस्था की व्याख्या कीजिए

वर्तमान शताब्दी के प्रथम चतुर्थांश तक सन्तुलित और अतिरेक का बजट आदर्श बजट माना जाता था। परन्तु आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में विकास प्रक्रिया की विभिन्न आर्थिक और कल्याणकारी क्रियाओं में राज्य का एक समर्थ अभिकर्ता के रूप में प्रवेश होने के कारण सम्प्रति उ…

सार्वजनिक ऋण किसे कहते हैं सार्वजनिक ऋण के स्रोतों को या वर्गीकरण निम्न 8 आधारों पर किया जा सकता है

जब सार्वजनिक आय की तुलना में सार्वजनिक व्यय अधिक होता है तथा इस सार्वजनिक व्यय की पूर्ति सार्वजनिक ऋण लेकर की जाती है, जिसे सार्वजनिक ऋण कहते हैं। सरकार जब सार्वजनिक व्यय सम्बन्धी आवश्यकता की पूर्ति करारोपण के द्वारा नहीं कर पाती है। तथा घाटे की वित्त…

कर विवर्तन क्या है कर विवर्तन के सिद्धांत?

उत्पादक कर की राशि थोक विक्रेता से वसूल लेता है, थोक विक्रेता फुटकर विक्रेता से वसूल लेता है कर के टालने की इस प्रक्रिया को कर-विवर्तन कहते है। कर विवर्तन क्या है?  कर विवर्तन उस क्रिया को कहा जाता है जिसके द्वारा कर का आंशिक या कुल भार एक व्यक्ति से …

करापात की अवधारणा को स्पष्ट करने के साथ विभिन्न अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गयी करारोपण की परिभाषा

कर के टालने की प्रक्रिया जब समाप्त हो जाती है और जिस व्यक्ति पर इसका भार अन्त में, पड़ता है उस व्यक्ति पर करापात हुआ माना जाता है। उपभोक्ता पर करापात होता है।  जब सरकार किसी व्यक्ति या संस्था पर कर लगाती है तो वह व्यक्ति या संस्था उस कर की राशि को स्व…

करारोपण का अर्थ, परिभाषा, सिद्धांत एवं वर्गीकरण

करारोपण एक अत्यन्त प्राचीन अवधारणा है। सरकारों को अपने सार्वजनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए करारोपण द्वारा अनिवार्य रूप से कुछ धनराशि बसूली जाती है जिसे जनता द्वारा अदा किया जाता है। करारोपण का निर्धारण सरकारों द्वारा मनमाने ढंग से नहीं किया जा सक…

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