मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है तथा समूह में रहना उसकी नैसर्गिक प्रवृत्ति है। यह नैसर्गिक प्रवृत्ति मनुष्य को अन्य मनुष्यों से सम्बन्ध रखने को बाध्य करती है। सामाजिक जीवन इन्हीं संबंधों पर आधारित है। इन सामाजिक संबंधों को व्यवस्थित रखने के लिए मनुष्य के …