वेद, ब्राह्मण, आरण्यक और उपनिषदों के गूढ़ एवं विस्तृत चितन का अंतिम सार ही वेदांत दर्शन है। वादरायण व्यास (चौथी शताब्दी) पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने इन समस्त ग्रंथों के सार तत्व को सूत्र रूप में प्रस्तुत किया। उनके द्वारा विरचित ग्रंथ का नाम ‘ब्रह्म सू…