व्यंग्य

हिंदी के प्रसिद्ध व्यंग्यकारो के नाम | Hindi ke prasiddh vyangkaron ke naam

हिन्दी के व्यंग्यकारों ने अनेक ऐसी रचनाएँ दी है जिनमें न प्रत्यक्ष हास्य है, न आक्रोश और न करूणा । वे विशुद्ध बौद्धिक और चिन्तन - प्रधान रचनाएँ है जो पाठक में सामाजिक सजगता उत्पन्न करती है। व्यंग्यकार की भूमिका एक सुधारक, नियामक और न्यायाधीश की होती ह…

व्यंग्य का अर्थ, परिभाषा तथा उसका स्वरुप

व्यंग्य से तात्पर्य उस अनुभव या भाव से हो जो मन को प्रसन्नचित करता है। किसी प्रकार की कोई घटना, काण्य प्रसंग गघ की विधाओं का रूप जैसे (कहानी, नाटक, एकांकी) जिसमें हास्य रस का पुट हो व्यंग्य कहलाता है। ऐसी रचनाएं व्यंग्य कहलाती है। इसके अंतर्गत चुटकुलो…

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