व्यंग्यकार

हिंदी के प्रसिद्ध व्यंग्यकारो के नाम

हिन्दी के व्यंग्यकारों ने अनेक ऐसी रचनाएँ दी है जिनमें न प्रत्यक्ष हास्य है, न आक्रोश और न करूणा । वे विशुद्ध बौद्धिक और चिन्तन - प्रधान रचनाएँ है जो पाठक में सामाजिक सजगता उत्पन्न करती है। व्यंग्यकार की भूमिका एक सुधारक, नियामक और न्यायाधीश की होती ह…

व्यंग्य का अर्थ, परिभाषा तथा उसका स्वरुप

व्यंग्य से तात्पर्य उस अनुभव या भाव से हो जो मन को प्रसन्नचित करता है। किसी प्रकार की कोई घटना, काण्य प्रसंग गघ की विधाओं का रूप जैसे (कहानी, नाटक, एकांकी) जिसमें हास्य रस का पुट हो व्यंग्य कहलाता है। ऐसी रचनाएं व्यंग्य कहलाती है। इसके अंतर्गत चुटकुलो…

श्रीलाल शुक्ल का जीवन परिचय, प्रमुख रचनाएँ, भाषा शैली

श्रीलाल शुक्ल हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। वह समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात थे। श्री लाल शुक्ल का (जन्म 31 दिसम्बर 1925) को हुआ, तथा निधन- 28 अक्तूबर 2011 को। जनपद के समकालीन कथा साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्…

शरद जोशी जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा शैली, साहित्य में स्थान

शरद जोशी ने सामाजिक परिवर्तनों, राजनीतिक और सांस्कृतिक उथल-पुथल को बड़ी बारीकी से समझा और देखा था।  शरद जोशी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर गहरा असर पड़ा। शरद जोशी वर्तमान व्यवस्था से बहुत क्षुब्ध थे। वे स्वयं कदम-कदम पर दिखने वाले व्यवस्था के खोखलेपन को…

हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय एवं रचनाएँ

हरिशंकर परसाई जी हिन्दी के एक प्रख्यात व्यंग्यकार हैं परसाई जी की ख्याति न केवल व्यंग्यकार के रूप में बल्कि प्रतिबद्ध लेखक के रूप में है। व्यंग्य कोई विधा नहीं बल्कि लेखक की प्रकृति या स्परिट है। इसलिये परसाई जी का मौलिक चिन्तन कहानी, उपन्यास, निबन्ध,…

More posts
That is All