व्यवसायिक अर्थशास्त्र

वस्तु विभेद का अर्थ, परिभाषा एवं विशेषताएं

वस्तु विभेद का अर्थ है कि वस्तुएँ एक-दूसरे के निकट स्थानापन्न (Close Substitute) तो होती हैं परन्तु वे समरूप (Homogeneous) नहीं होतीं और उनमें रंग, नाम, पैकिंग, क्वालिटी आदि का अन्तर पाया जाता है। बाजार में आपको फोरहन्स, बिनाका, कॉलगेट, सिगनल आदि कई प…

आर्थिक और अनार्थिक क्रिया में अंतर

जब हम अपने आसपास ध्यान देते हैं तो देखते हैं कि ज्यादातर लोग किसी न किसी काम में संलग्न हैं। अध्यापक विद्यालयों में पढ़ाते हैं, किसान खेतों में काम करते हैं, मजदूर कारखानों में काम करते हैं, चालक गाड़ियाँ चलाते हैं, दुकानदार सामान बेचते हैं, चिकित्स…

वस्तु विभेद किसे कहते हैं वस्तु विभेद की मुख्य विशेषताएं?

वस्तु विभेद का अर्थ है कि वस्तुएँ एक-दूसरे के निकट स्थानापन्न (Close Substitute) तो होती हैं परन्तु वे समरूप (Homogeneous) नहीं होतीं और उनमे रंग, नाम, पैकिंग, क्वालिटी आदि का अन्तर पाया जाता है।  बाजार में आपको फोरहन्स, बिनाका, कॉलगेट, सिगनल आदि कई प…

पूंजीवाद (पूंजीवादी अर्थव्यवस्था) क्या है पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ ?

आधुनिक पूंजीवाद का जन्म यूरोप में 18वीं सदी में हुआ जब उद्योगों में मशीनों का प्रयोग होने लगा और मशीनों को चलाने के लिए मानव एवं पशु शक्ति के स्थान पर जड़-शक्ति का प्रयोग किया जाने लगा। पश्चिमी देशों एवं विश्व के कई अन्य देशों में पूंजीवादी अर्थव्यवस्…

वाणिज्य क्या है और इसके प्रकार?

व्यवसाय के दो अंग हैं- उद्योग और वाणिज्य। उद्योगों का कार्य जहां समाप्त होता है, वहीं वाणिज्य का कार्य आरम्भ होता है। उद्योगों में वस्तुओं का उत्पादन होता है। इन वस्तुओं को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की क्रिया वाणिज्य है। इस प्रकार वाणिज्य के अन्तर्गत उत्…

आर्थिक प्रणाली का अर्थ, परिभाषा, मूल तत्व, कार्य एवं प्रकार

आर्थिक प्रणाली किसी भी देश में आर्थिक क्रियाओं के संगठन पर प्रकाश डालती है। उत्पादन के साधनों का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के हाथों में, सरकार के पास या फिर दोनों के हाथों में होता है। अब स्वामित्व अधिकतर निजी 62 व्यक्तियों के हाथों में हो तो ऐसी आर्…

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