शारीरिक विकास

किशोरावस्था का अर्थ, किशोरावस्था में शारीरिक विकास का वर्णन

किशोरावस्था विकास की अत्यंत महत्वपूर्ण सीढ़ी है। किशोरावस्था का महत्व कई दृष्टियों से दिखाई देता है प्रथम यह युवावस्था की ड्योढी है जिसके ऊपर जीवन का समस्त भविष्य पाया जाता है। द्वितीय यह विकास की चरमावस्था है। तृतीय यह संवेगात्मक दृष्टि से भी महत्वपू…

बाल्यावस्था किसे कहते हैं ? इसकी विशेषताओं का वर्णन।

6 से 12 वर्ष की अवस्था को बाल्यावस्था कहते हैं । बालक के विकास की दूसरी अवस्था बाल्यावस्था है। शैशवावस्था के पश्चात बालक बाल्यावस्था में प्रवेश करता है। जब शैशवावस्था होती है तो बालक का शरीर एवं मन दोनों ही अविकसित होते हैं। जैसे ही वह बाल्यावस्था में…

शैशवावस्था का अर्थ, परिभाषा, प्रमुख विशेषताएं, शैशवावस्था में शारीरिक विकास

सामान्यता: मनोवैज्ञानिकों ने शैशवावस्था का अर्थ उस अवस्था से लगाया जो औसतन जन्म से 5-6 वर्ष तक चलती है।  शैशवावस्था की परिभाषा 1. हरलाॅक यह जन्म से लेकर दो सप्ताह तक चलती है। दो सप्ताह बाद बालपन आरम्भ होता है और दो वर्ष तक रहता है। दो वर्ष बाद प्रारम्…

जन्म पूर्व शारीरिक विकास की अवस्थाएं

ज्यों ही अण्ड शुक्राणु से मिलकर निशेचित होता है, त्यों ही मानव जीवन का प्रारम्भ हो जाता है। निशेचित अण्ड सर्वप्रथम दो कोषों में विभाजित होता है, जिसमे से प्रत्येक कोष पुन: दो-दो में विभाजित हो जाते हैं। कोष विभाजन की यह प्रक्रिया अत्यंत तीव्र गति से…

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