संगीत

दिल्ली घराना का इतिहास, दिल्ली घराने की विशेषताएँ

यह घराना मुहम्मदशाह रंगीले के दरबार में पनपा । मुहम्मदशाह रंगीले के दरबारी गायक नियामत खाँ, जिन्हें सदारंग तथा अदारंग के नाम से जाना जाता है, अनेक ख्याल बनाए, बल्कि भातखण्डे क्रमिक पुस्तक मालिका में सदारंग और अदारंग के नाम से सैकड़ों ख्यालों का संग्रह…

संगीत की उत्पत्ति के सिद्धांत

संगीत विभिन्न ध्वनियों को मिलाने वाली वह कला है जिसके द्वारा मनोभावों के प्रदर्शन में रोचकता, माधुर्य एवं सुन्दरता आती है। संगीत की परिभाषा केवल मानवीय गायन तक ही सीमित नहीं बल्कि इसके अन्तर्गत पशुओं की चहचहाहट इत्यादि भी सम्मिलित है।  भारतीय संगीत के…

संगीत में लय कितने प्रकार की होती हैं ?

संगीत में स्वर का लय में निबद्ध होना अनिवार्य है। लय भी सप्तकों के समान तीन स्तरों से गुजरती है, सामान्य लय को मध्य लय कहा जाता है। सामान्य से तेज लय को द्रुत लय एवं सामान्य से कम लय को विलिम्बत लय कहा जाता है। संगीत में लय के प्रकार संगीत में लय च…

संगीत में श्रुति की परिभाषा और प्रकार

संगीतोपयोगी नाद जो कान को साफ-साफ सुनाई पड़े ‘श्रुति’ कहलाती है। शास्त्रकार श्रुति की परिभाषा इस प्रकार करते हैं- ‘‘ श्रुयते इति श्रुतिः’’ अर्थात जो आवाज कान को सुनाई दे वह ‘श्रुति’ है। ध्यान से देखें तो यह परिभाषा अपने में पूर्ण नही है, क्योंकि संगीत…

राग की परिभाषा | राग के लक्षण

राग भारतीय संगीत की अनुपम परिकल्पना है जो भारतीय संगीतज्ञों की सुविकसित एवं सूक्ष्म सौंदर्य चेतना का प्रतीक है । प्राचीन युग में गायक-वादक राग शब्द से परिचित नहीं थे । प्राचीन संगीत में जनरूचि के अनुसार परिवर्तन आता गया तथा धीरे-धीरे राग गायन प्रचार म…

सप्तक किसे कहते हैं तथा कितने प्रकार के होते हैं?

सात स्वरों के समूह को जब एक क्रम में कहा जाता है अथवा लिखा जाता है, तब उसे सप्तक कहते हैं। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि सप्तक में सातों स्वर क्रमानुसार होते हैं।  उदाहरण के लिए - सा, रे, ग, म, प, ध, नी यह एक सप्तक हैं। सप्तक में यह ध्यान रखा जाता है …

आलाप किसे कहते हैं आलाप कितने प्रकार का होता है?

किसी राग के स्वरों का उसके वादी, संवादी तथा विशेष स्वरों को दिखलाते हुए विस्तार करना और साथ में उसे वर्ण, गमक, अलंकार, आदि से विभूषित करना, उस राग का ‘आलाप’ कहलाता है। राग का स्वरूप स्पष्ट करने के लिए उसके स्वरों को सजाकर धीमी लय में उसका आलाप करते है…

संगीत में स्वर किसे कहते हैं और स्वर कितने प्रकार के होते हैं?

जो कान को मधुर लगती है तथा चित्त को प्रसन्न करती है। इस ध्वनि को संगीत की भाषा में ‘‘नाद’’ कहते हैं। इस आधार पर संगीत मे उपयोगी नाद को स्वर कहते है। संगीत में स्वर किसे कहते हैं संगीत में वह शब्द जिसका कोई निश्चित रूप हो और जिसकी कोमलता या तीव्रता अथव…

ठुमरी शैली की उत्पत्ति एवं विकास

ठुमरी की उत्पत्ति तीन चार सौ वर्ष पूर्व भारतीय संगीत में ध्रुपद गायन का प्रचार था। परिस्थितिवश ख्याल गायन का प्रादुर्भाव हुआ। धीरे-धीरे ध्रुपद का स्थान ख्याल ने ले लिया। मनुष्यों के बदलती हुई भावनाओं और विचार के परिवर्तन के कारण ख्याल के पश्चात क्रमश:…

ध्रुपद गायन शैली / धमार गायन शैली क्या है?

ध्रुपद गायन शैली ख्याल से पुरानी है। ध्रुपद के बाद ही ख्याल का जन्म हुआ। इसमें सरगम एवं तानों का प्रयोग नहीं किया जाता है बल्कि इसके स्थान पर दुगुन, तिगुन, चौगुन एवं कठिन लयकारी का प्रयोग कलाकार की सामर्थ के अनुसार किया जाता है।  इस गायन शैली में ताल …

कब हुआ वायलिन का आविष्कार जानिए पूरा इतिहास

भारतीय संगीत का प्राचीनतम रूप वेदों में मिलता है। प्राचीन काल से ही भारतीय संगीत भक्तिमय और अनुष्ठानों से सम्बद्ध रहा है। चारों देवों में कहीं-कहीं पर बाण, गोथा, अघाटी, कर्करी तथा गर्गर तन्त्रीं वाद्य का वर्णन किया गया है। शारगंदेव कृत ‘संगीत रत्नाकर’…

सारंगी की उत्पत्ति और सारंगी के प्रकार

सारंगी सारंगी की उत्पत्ति भारतवर्ष के प्राचीन, पौराणिक संगीत ग्रन्थों के आधार पर इस मधुर वाद्य सारंगी का आविष्कार श्रृंगी ऋषि’ को माना जाता है। श्रृंगी ऋषि से यह वाद्य पुलस्त्य को, पुलस्त्य से विश्रवस तथा उनसे राक्षसराज रावण ने प्राप्त किया। देश, काल …

संगीत में घराना क्या होता है?

संगीत जगत में ‘घराना' शब्द से गुणी - वंश परम्परा समझी जाती है। यहाँ 'घर' का अर्थ है–वंश एवं घराना का अर्थ है वंशीय - संगीत - विशेषताएँ । जब कोई प्रतिभावन संगीत–शिल्पी अपनी सृजन - शक्ति के प्रभाव से कोई नवीन स्वर–प्रयोग कौशल या अलंकार-धारा …

तबले की उत्पत्ति एवं आविष्कार

तबला एक वाद्य यंत्र है। संगीत में वर्तमान समय में तबला महत्वपूर्ण ताल वाद्य के रूप में स्थान रखता है। संगीत, नृत्य विधा या वाद्य वादन की कोई भी विधा तबले के बिना अधूरी जान पड़ती है। तबला, दाहिना और बायाँ दो अलग-अलग संरचनाओं का संयुक्त रूप है। दाहिने क…

वाद्य यंत्र क्या है वाद्य यन्त्र कितने प्रकार के होते हैं?

वाद्य जिनसे स्वर अथवा स्वरावलियां उत्पन्न कर उनका संगीत में उपयोग किया जाता है, स्वर वाद्य कहलाते हैं। जैसे सितार, सरोद, बांसुरी, संतूर व हारमोनियम। वाद्य, जिनका उपयोग गायन व स्वर वाद्य की में लय अथवा गति को सुचारु रखने हेतु किया जाता है, ताल वाद्य कह…

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