संस्कार शब्द सम् उपसर्ग पूर्वक कृ धातु से घ´ प्रत्यय ओर सुट् का का आगम करने पर सिद्ध होता है। इसका अर्थ होता है-सजाना, सँवारना, संस्कार पद का निर्वचन करते हुए विद्वज्जन लिखते हैं :- ‘संस्कारो हि गुणान्तराधानमुच्यते’ अर्थात् संस्कार पहले से विद्यमान द…