संस्कार

हिन्दू धर्म के 16 संस्कार

संस्कार शब्द सम् उपसर्ग पूर्वक कृ धातु से घ´ प्रत्यय ओर सुट् का का आगम करने पर सिद्ध होता है। इसका अर्थ होता है-सजाना, सँवारना, संस्कार पद का निर्वचन करते हुए विद्वज्जन लिखते हैं :-  ‘संस्कारो हि गुणान्तराधानमुच्यते’ अर्थात् संस्कार पहले से विद्यमान द…

जन्म से मृत्यु तक 16 संस्कारों का विधान किया गया है। ये संस्कार इस प्रकार हैः

हिन्दू समाज में व्यक्तिगत एंव सामाजिक जीवन को सुव्यवस्था प्रदान करने हेतु जिन संस्थागत आधारों को विकसित किया गया है उनमें संस्कार भी एक हैं। संस्कारों का परम्परागत रूप से हिन्दू सामाजिक संगठन में विशेष महत्व रहा है। मानव जीवन को संगठित, अनुशासित एवं स…

हिन्दू धर्म के सोलह 16 संस्कार I 16 Sanskar details in hindi

संस्कार शब्द की व्युत्पत्ति सम पूर्वक ‘कृन्’ धातु से ‘‘धम’’ प्रत्यय करने पर होती है। सम् + कृ + धन = संस्कार। विभिन्न स्थलों पर भिन्न-भिन्न सन्दर्भों में इसका उपयोग अनेक अर्थों में किया जाता है। प्रसंग के अनुसार संस्कार शब्द के अर्थ, शिक्षा, संस्कृति …

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