सद्वृत्त की उत्पत्ति दो शब्दों के मिलने से होती है। प्रथम शब्द सद् एवं द्वितीय शब्द वृत्त। सद् एक सत्य वाचक शब्द है जिसका प्रयोग सही, उपयुक्त, अनुकूल एवं धनात्मक रुप में होता है जबकि वृत्त से तात्पर्य घेरे से होता है अर्थात सद्वृत्त ऐसे सकारात्मक एवं…