समाज

विवाह का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, नियम एवं उद्देश्य

सभी प्रकार के मानव समाजों में विवाह की अवधारणा पाई जाती है। सभी समाजों में विवाह के रीति-रिवाज एक दूसरे से अलग अलग हो सकते हैं। यह बहस आज भी जारी है कि विवाह कब अस्तित्व में आया और यह समाज का अभिन्न अंग कब बन गया।  विवाह का अर्थ  विवाह का अर्थ विवाह क…

नातेदारी का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार

नातेदारी शब्द के कई अर्थ है। हमारे नातेदार दो तरह के हो सकते हैं एक तो वे, जो हमसे रक्त द्वारा जुड़े हुए होते हैं। इन्हें हम सम्बन्धी नातेदार कहते हैं। दूसरे प्रकार के नातेदार विवाह से जुड़े होते हैं। इन्हें हम विवाह सम्बन्धी नातेदार कहते हैं। नातेदार…

समाज : अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । साधारणतः मानव समूह से समाज बनता है। मनुष्य समाज में रहकर ही जीवन के विविध आयामों को प्राप्त करता है । जीवन को सुव्यवस्थित और सुनियोजित रूप देने की इच्छा, परस्पर सम्बन्ध आपसी सहयोग, व्यवहार आदि से समाज का निर्माण हो सका है…

समाज किसे कहते हैं | समाज का उद्भव एवं विकास

हम लोग समाज का अर्थ समझते है- 'नारी' और 'पुरुष' का समूह । समाज का वास्तविक अर्थ यह नहीं है। इसका सही अर्थ है एक साथ मिलकर चलना। कभी-कभी हम बस, ट्रेन में एक साथ यात्रा करते है पर उसे हम समाज नहीं कह सकते। समाज व्यक्ति अथवा परिवारों का ए…

समाज का अर्थ, परिभाषा, वर्गीकरण

‘समाज’ शब्द की उत्पत्ति लॅटिन भाषा के 'Societies' धातु से हुई है, जिसका अर्थ समाज, संगति, मंडल, संस्था है । " समाज एक स्थान पर रहने वाला अथवा एक ही प्रकार के कार्य करने वाले लोगों का दल, किसी विशिष्ट उद्देश्य से स्थापित समूह”” आदि भिन्न अ…

समाज का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं प्रमुख तत्व

समाज (Society) एक उद्देश्यपूर्ण समूह होता है, जो किसी एक क्षेत्र में बनता है, उसके सदस्य एकत्व एवं अपनत्व में बंधे होते हैं। मनुष्य चिन्तनशील प्राणी है। मनुष्य ने अपने लम्बे इतिहास में एक संगठन का निर्माण किया है। वह ज्यों-ज्यों मस्तिष्क जैसी अमूल्य श…

नातेदारी का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, श्रेणियाँ

मानव का जन्म परिवार में होता है, यहीं से उसका पालन-पोषण प्रारम्भ होता है। समाजीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से व्यक्ति परिवार से निरन्तर कुछ ना कुछ सीखता ही रहता है। परिवार में ही उसे अपने रीति-रिवाज, परम्पराओं एंव रूढि़यांे की शिक्षा मिलती है। परिवार क…

विवाह का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, नियम एवं उद्देश्य

विवाह का शाब्दिक अर्थ है, ‘उद्वह’ अर्थात् ‘वधू को वर के घर ले जाना।’ विवाह को परिभाषित करते हुए लूसी मेयर लिखते हैं, विवाह की परिभाषा यह है कि वह स्त्री-पुरुष का ऐसा योग है, जिससे स्त्री से जन्मा बच्चा माता-पिता की वैध सन्तान माना जाये। इस परिभाषा में…

समाज का शिक्षा पर प्रभाव

समाज का शिक्षा पर प्रभाव - शिक्षा पर समाज के प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता है, क्योंकि समाज शिक्षा की व्यवस्था करता है। इस प्रभाव को जा सकता है- समाज का शिक्षा पर प्रभाव 1. समाज के स्वरूप का प्रभाव - समाज के स्वरूप का शिक्षा की पकृति पर प्रभाव पड़ता…

शिक्षा का समाज पर प्रभाव एवं शिक्षा का समाज में स्थान

शिक्षा का समाज पर प्रभाव एवं स्थान इस पर हम बिन्दुवार आगे कुछ विस्तार से देखेंगे- शिक्षा का समाज पर प्रभाव समाज शिक्षा के प्रत्येक पक्ष को प्रभावित करता है तो ठीक उसी प्रकार शिक्षा भी समाज को प्रत्येक पक्ष पर प्रभावित करती है, चाहे आर्थिक, राजनैतिक…

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